इस परिवर्तन से जहां एक ओर अंबिकापुर रेलवे स्टेशन, केन्द्रीय विद्यालय, कृषि महाविद्यालय और बीज विकास निगम जैसी महत्वपूर्ण इकाइयां सूरजपुर जिले से कट कर अंबिकापुर की सरजमीं की प्रॉपर्टी बन गईं, वहीं दूसरी ओर लखनपुर तहसील के ग्राम पंचायत गेतरा में स्थित कॉलरी सूरजपुर जिले की शोभा बढ़ायेगी।
गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के गठन उपरांत अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन, कृषि महाविद्यालय, बीज विकास निगम और केन्द्रीय विद्यालय अम्बिकापुर के नाम से होने के बावजूद वह सूरजपुर तहसील क्षेत्र का हिस्सा बना हुआ था। इसे लेकर अक्सर यह मांग उठती रही है कि उन्हें सरगुजा जिले में शामिल किया जाये।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत गेतरा सूरजपुर से लगे होने के कारण वहां के लोगों को जनपद व तहसील संबंधी कार्य के लिए लखनपुर जाना पड़ता था। वहां के लोग भी गेतरा को सूरजपुर जिले में शामिल करने की मांग कर रहे थे। अब राज्य सरकार द्वारा इन विसंगतियों को दूर कर दिया गया है।
3 मई 2018 को छत्तीसगढ़ राजपत्र में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रकाशित अधिसूचना में इस बात का उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार सूरजपुर एवं सरगुजा जिले की सीमाओं में परिवर्तन करना प्रस्तावित करती है।
सीमाओं को पुनर्परिभाषित करते हुए इस बात का उल्लेख किया गया है कि सूरजपुर तहसील की सीमा से ग्राम पंचायत अजिरमा तथा आश्रित ग्राम भगवानपुर खुर्द, बिशुनपुर व ठाकुरपुर को अपवर्जित करते हुए उसे जिला सरगुजा के तहसील अंबिकापुर रानिम अम्बिकापुर 2 की सीमाओं में सम्मलित करते हुए उक्त ग्राम पंचायत व ग्रामों को सूरजपुर तहसील से पृथक करने एवं सरगुजा जिले की लखनपुर तहसील के स्वतंत्र ग्राम पंचायत गेतरा को अपवर्जित करते हुए सूरजपुर तहसील में शामिल करने का प्रस्ताव करते हुए अधिसूचना जारी की गई है।
परिसीमन से सूरजपुर को नुकसान
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सूरजपुर प्रवास के दौरान उक्त मामले पर ध्यानाकर्षित कराते हुए मुख्यमंत्री से इन विसंगतियों को दूर करने की मांग की थी। उनसे सूरजपुर जिले को नया कृषि महाविद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय व बीज विकास निगम की इकाई सूरजपुर जिला मुख्यालय या आसपास के गांवों में स्थापित करने की मांग भी रखी थी।
इस पर मुख्यमंत्री ने उचित पहल का आश्वासन भी दिया था। इस परिसीमन से सूरजपुर को होने वाले नुकसान की भरपाई कैसे होगी, इसकी चिंता सभी जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को करनी होगी।