scriptकिन्नर की मृत्यु की नहीं लगने दी जाती किसी को भनक, गुप्त होता है अंतिम संस्कार, मौत पर मनता है जश्न, जानिए क्यों होता है ऐसा | No one allowed to know about the death of eunuchs, funeral is secret | Patrika News
अंबिकापुर

किन्नर की मृत्यु की नहीं लगने दी जाती किसी को भनक, गुप्त होता है अंतिम संस्कार, मौत पर मनता है जश्न, जानिए क्यों होता है ऐसा

Secret of Kinnar: किन्नरों का रात में किया जाता है अंतिम संस्कार (Funeral), दूसरे समाज के किन्नर (Eunuchs) को अंतिम संस्कार में नहीं किया जाता है शामिल, शव को छिपाकर रखने या अंतिम संस्कार करने के पीछे ये है मान्यता

अंबिकापुरOct 05, 2022 / 04:36 pm

rampravesh vishwakarma

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अंबिकापुर. Secret of Kinnar: किन्नरों को समाज में थर्ड जेंडर का दर्जा प्राप्त है, इनकी दुआ काफी पवित्र मानी जाती है। जब किसी के घर बच्चे का जन्म होता है तो किन्नर दुआ देने पहुंचते हैं, इसके बदले वे दान लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि जब किसी किन्नर की मृत्यु होती है तो इसकी भनक इनके समाज के अलावा किसी को नहीं लगने दी जाती है। ये शव को छिपाकर रखते हैं तथा किन्नर का अंतिम संस्कार (Kinnar Funeral) भी रात में होता है। दूसरे समाज के किन्नरों को भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं किया जाता है।

किन्नर न तो मर्द होता है और न औरत। किन्नर को थर्ड जेंडर कहा जाता है। इनका रहन-सहन भी महिला व पुरुषों से अलग होता है। किन्नरों से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जिसे कई लोग नहीं जानते हैं। आइए आपको हम इनसे जुड़ी कुछ जानकारियां साझा करते हैं।

मृत्यु पर मनाया जाता है जश्न
जब किसी किन्नर की मृत्यु होती है तो मातम की जगह इनके समाज में जश्न मनाया जाता है। वहीं शव को वे चप्पल व जूते से पीटते हैं। इसके पीछे यह मान्यता है कि किन्नर को इस नर्क जैसे जीवन से मुक्ति मिल गई और वह दोबारा किन्नर के रूप में जन्म न ले।

रात में होता है अंतिम संस्कार
किन्नर हिंदू धर्म को मानते हैं, हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार किसी की मृत्यु पर उसकी शव यात्रा दिन में निकाली जाती है, रात में अंतिम संस्कार नहीं होता है। हिंदू धर्म में शव को जलाया जाता है। हिंदू धर्म को मानने के बावजूद किन्नर रात में शवयात्रा निकालते हैं तथा शव को जलाने की जगह दफनाते हैं।

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नहीं देखना चाहिए किन्नर का शव
किन्नर समाज के लोग किसी किन्नर की मृत्यु होने पर उसका शव नहीं देखने देते हैं। अन्य लोगों को भी चाहिए कि वे उसका शव न देखें। इस कारण वे शव को छिपाकर रखते हैं। इसके पीछे की मान्यता यह है कि किन्नर का शव या अंतिम संस्कार देखने से वह अगले जन्म में फिर से किन्नर (Eunuchs) जन्म ले सकता है।

मृत्यु का पहले से हो जाता है आभास
किन्नर को अपनी मृत्यु (Death) का पहले से आभास हो जाता है, इस कारण वह कई दिन पहले से ही घर से निकलना बंद कर देता है। भोजन का भी त्याग कर देता है। इस दौरान वह भगवान से प्रार्थना करता है कि इस जन्म में तो उसे किन्नर बना दिया लेकिन अगले जन्म में उसे किन्नर के रूप में जन्म न दें।

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