प्रदेश में साढ़े चार साल से कांग्रेस की सरकार है। मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री के साथ खाद्य, स्कूल शिक्षा मंत्री सरगुजा क्षेत्र से हैं। इसके बावजूद जिले के कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ता प्रशासनिक अधिकारियों पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाते रहे हैं। इस मामले को लेकर समय-समय पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव नाराजगी भी जताते रहे हैं।
उम्मीद थी कि सिंहदेव के डिप्टी सीएम बनने के बाद जिले के प्रशासनिक व्यवस्था, कार्यशौली व व्यवहार में बदलाव दिखेगा, ऐसा कुछ हद तक दिखने भी लगा है। लेकिन इसी बीच प्रशासनिक अधिकारी द्वारा अंबिकापुर के विधायक प्रतिनिधि दिलीप धर के साथ अपमानजनक व्यवहार करने का मामला सामने आया है।
दिलीप धर ने आरोप लगाया है कि विगत दिवस निगम आयुक्त भगवानपुर क्षेत्र में शासकीय प्रयोजन के लिए खुली भूमि की तलाश में भ्रमण पर थीं। जानकारी मिलने पर वहां पहुंचा। इस दौरान कुछ पूछ पाता, इससे पहले निगम आयुक्त मुझे देखते ही बोलीं कि तुम कौन? मैंने कहा कि विधायक प्रतिनिधि हूं।
आयुक्त ने कहा कि क्या चीज के प्रतिनिधि हो? मैंने जवाब दिया कि उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का प्रतिनिधि हूं। साथ ही मैंने अपना परिचय सचिव जिला कांग्रेस तथा बंग समाज के अध्यक्ष के रूप में भी बताया। इसके बावजूद आयुक्त ने मुझे ‘तुम यहां से निकलो’ कहकर अपमानित किया।
मेरे बार-बार निवेदन के बाद भी आयुक्त अपने नगर निगम अमले के सामने तिरस्कृत भाव से बाहर निकलो, बाहर निकलो, तुम किसी के भी प्रतिनिधि हो, यहां पर किसी की भी जरूरत नहीं है, ऐसा कहती रहीं। इसके बाद मैं वापस आ गया।
कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं ने दिया धरना
निगम आयुक्त के अपमानजनक व्यवहार से नाराज विधायक प्रतिनिधि दिलीप धर, अंबिकापुर ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष सीमा सिन्हा सहित कई कार्यकर्ताओं के साथ निगम कार्यालय पहुंचकर धरने पर बैठ गए।
इस दौरान नाराज नेताओं ने महापौर अजय तिर्की, छत्तीसगढ़ श्रम आयोग के अध्यक्ष शफी अहमद, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता व एमआईसी सदस्य द्वितेन्द्र मिश्रा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर निगम आयुक्त को हठधर्मी अधिकारी बताते हुए तत्काल यहां से अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की है।