अस्पताल के बेड पर प्रसव पीड़ा से तड़पती रहीं 2 माताएं, देखने तक नहीं आए डॉक्टर-नर्स, नवजातों की गर्भ में ही हुई मौत
Newborns death: माताओं की आंखें हुईं नम, डिलीवरी में देरी का आरोप लगा परिजनों ने मचाया हंगामा, सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 गर्भवती महिलाओं को कराया गया था भर्ती, प्रसव पीड़ा होने पर ड्यूटी पर पदस्थ जूनियर नर्स ने सीनियर नर्स व डॉक्टर के आने के बाद ही इलाज करने की बात कह झाड़ लिया था पल्ला
Janpad Panchayat sub president reached in Sitapur hospital
अंबिकापुर. Newborns death: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिले भर के जूनियर डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मचारी स्वास्थ्य कर्मचारी सप्ताहभर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसका असर स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है। सोमवार की रात सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 2 नवजात बच्चों की मौत हो गई। नवजात बच्चों की मौत से दुखी व नाराज परिजनों ने डॉक्टरों व नर्सों पर समय पर डिलीवरी न कराने तथा इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के गेट पर काफी देर तक बैठे रहे। इस दौरान प्रसूताओं का रो-रोकर बुरा हाल था। उन्होंने मामले में कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी संविदा कर्मचारियों, एनएचएम व प्रशिक्षणरत स्टाफ नर्सों पर है।
जानकारी के अनुसार सोमवार को 2 गर्भवती महिलाएं प्रसूति कराने परिवार संग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर पहुंचीं थीं। इसमे ग्राम रजौटी बरपारा निवासी रामेश्वर सुबह 5 बजे अपनी पत्नी को लेकर तथा ग्राम सुरेशपुर कुधरापारा निवासी माणिकचंद दोपहर 3 बजे पत्नी को लेकर आए थे।
यहां भर्ती होने के बाद दोनों गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने लगी। असहनीय दर्द होता देख परिजन ड्यूटी में मौजूद नर्स को जब बुलाने गए। तब वहां ड्यूटी में मौजूद नर्स ने सीनियर नर्स के आने के बाद इलाज करने की बात कह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
नर्स द्वारा इलाज करने से मना करने के बाद पीडि़त परिवार देर रात तक सीनियर नर्स और चिकित्सक के चक्कर में स्वास्थ्य केंद्र में भटकता रहा। इसके बाद भी उन्हें न सीनियर नर्स मिले और न हो कोई डॉक्टर वहां आया।
आखिरकार प्रसव पीड़ा से कराहती माणिकचंद की पत्नी ने उपचार के अभाव में देर रात 11 बजे प्रसव के दौरान मृत बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के दौरान नवजात की मौत से लोग उबर भी नही पाए थे कि 2 घंटे बाद रामेश्वर की पत्नी का बच्चा भी प्रसव के दौरान मृत पैदा हुआ।
यह देखते ही रात में ड्यूटी पर पदस्थ स्वास्थ्यकर्मियों ने जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती एक अन्य गर्भवती महिला को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
लापरवाही का आरोप लगाकर परिजन ने मचाया हंगामा सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो घंटे के अंतराल में 2 नवजात बच्चों की मौत से वार्ड का माहौल गमगीन हो गया। 9 माह तक गर्भ में रखकर बच्चों की हिफाजत करने वाली दोनों महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। उपचार के अभाव में लापरवाह सिस्टम की भेंट चढ़े दो नवजात शिशुओं की मौत से परिजनों में काफी आक्रोश हंै।
उन्होंने उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया। इस मामले में पीडि़त पक्ष ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक एवं नर्सों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
एक सप्ताह से स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे एक सप्ताह से जिले के स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस मामले में सीएमएचओ डॉ. आरएन गुप्ता ने बताया कि जिले में 1065 नियमित स्वास्थ्य कर्मचारी हैं, जिसमें 305 स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
इस स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में संविदा कर्मचारी व एनएचएम के कर्मचारियों को ड्यूटी लगाया गया है। जबकि स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर पडऩा शुरु हो गया है। सीनियर कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं सीएमएचओ ने बताया कि दोनों नवजात की मौत के मामले में कर्मचारियों के हड़ताल से कोई लेना-देना नहीं है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई इस संबंध में बीएमओ डॉ. जीआर कुर्रे ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। इस मामले में जांच कमेटी बैठाई जा रही है। जो जांच कर यह बताएगी कि रात में किसकी ड्यूटी थी और किसकी लापरवाही से 2 नवजातों की मौत हुई। जांच के बाद सच्चाई सामने आने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य केंद्र में दोबारा ऐसी गलती न हो इसका ख्याल रखा जाएगा।
सीएमएचओ का है ये कहना मामला संज्ञान में आया है। कलेक्टर के निर्देश पर सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जा रहा हूं। प्रारंभिक जानकारी में मुझे जो पता चला है कि एक बच्चे के गर्दन में नाल फंसा था व दूसरा बच्चा गर्भ में ही गंदा पानी पी लिया था। इसके बावजूद मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो मामला सामने आएगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डॉ. आरएन गुप्ता, सीएमएचओ
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