सरगुजा जिले के बतौली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोडक़ेल निवासी दशमतिया पैंकरा पति ननका राम पैंकरा 23 वर्ष को 14 सितंबर की दोपहर प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शांतिपारा में दोपहर 2 बजे भर्ती कराया गया। यहां महिला ने 15 सितंबर की सुबह 8.20 बजे एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया।
बच्चे का वजन 2 किलो 800 ग्राम था तथा वह अच्छे से दूध भी पी रहा था। इसी बीच शाम को अचानक उसकी सांस फूलने लगी तो परिजनों ने ड्यूटी में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर को देखने कहा।
नर्सिंग ऑफिसर द्वारा नवजात की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया गया। जब परिजन उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर लेकर पहुंचे तो जांच पश्चात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
नवजात की मौत से दुखी परिजनों ने शांतिपारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों व नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बच्चा स्वस्थ था। इंजेक्शन (टीका) लगने के बाद उसकी तबियत बिगड़ गई।
जब उन्होंने नर्स को ये बात बताई तो उसने कहा कि अब यहां कुछ नहीं हो सकता, रेफर कर देती हूं। परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चे की वहां ठीक ढंग से देखभाल नहीं की गई। यदि बच्चे का वहां इलाज नहीं हो सकता था तो पहले ही उन्हें बता देना चाहिए था।
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एंबुलेंस नहीं मिली तो निजी वाहन से लाया
परिजनों का कहना था कि रेफर किए जाने के बाद उन्हें वहां एंबुलेंस भी नहीं मिली कि वे समय पर बच्चे को लेकर अंबिकापुर जा पाएं। ऐसे में उन्होंने अपने एक परिचित का वाहन मंगवाया और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि हमारे बच्चे के साथ जो हुआ, वह तो हो ही गया, लेकिन आगे ऐसा किसी के साथ न हो, इसका डॉक्टरों को ख्याल रखना होगा।
अंबिकापुर में हुई बच्चे की मौत
बच्चे की तबियत खराब होने पर नर्सिंग ऑफिसर द्वारा उसे शाम 7.40 बजे रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया था। नर्सिंग ऑफिसर द्वारा महतारी एक्सप्रेस 102 की व्यवस्था की जा रही थी, इसी बीच नवजात के परिजन उसे निजी वाहन से अंबिकापुर ले गए। बच्चे की मौत अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई है।
डॉ. संतोष सिंह, बीएमओ, बतौली
खराब थी संजीवनी एक्सप्रेस
जब बच्चे को रेफर किया गया, उस समय वहां की संजीवनी एक्सप्रेस 108 खराब थी। रिपेयरिंग के लिए उसे भेजा गया था। इस बीच परिजन बच्चे को निजी वाहन से अंबिकापुर लाए थे। बच्चे की मौत रास्ते में ही हो गई थी। वहां के बीएमओ के अनुसार बच्चे को टीका नहीं लगाया गया था, कोई भी लापरवाही नहीं हुई है। फिर भी मैं एक जांच टीम का गठन कर बीएमओ से स्पष्टीकरण मंगा लेता हूं।
डॉ. आरएन गुप्ता, सीएमएचओ