इसी क्रम में राज्य शासन के आदेश पर डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह (New Vice Chancellor joined) प्राध्यापक (प्राणीशास्त्र) विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किए गए हैं। वहीं पूर्व कुलपति डॉ. अशोक सिंह को प्रभाव से हटा दिया गया है। डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह महली भगत शासकीय स्नातक महाविद्यालय कुसमी में प्राध्यापक के पद पर पदस्थ थे। इन्होंने रविवार को पदभार ग्रहण किया है।
गौरतलब है कि संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय अपनी स्थापना के बाद से ही विवादित कार्यशैली की वजह से सुर्खियों में रहा है। विशेषकर यहां प्रशासनिक पदों को लेकर टकराव की स्थिति व अव्यवस्था स्थापना काल से ही चली आ रही है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है।
ये विवाद इस कदर बढ़ा कि अब राज्य सरकार द्वारा 3 अक्टूबर को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 52 लागू कर दी गई थी। इससे 3 अक्टूबर से कुलपति अशोक सिंह (New Vice Chancellor joined) की शक्तियां क्षीण हो गईं थी। इनके सारे अधिकार राज्यपाल के पास चले गए थे।
इसी क्रम में 20 अक्टूबर को पत्र जारी कर राज्यपाल रमेन डेका ने कुलपति संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की यथा उपांतरित धारा 13 एवं 14 सहपाठित धारा 52 (2) के अधीन प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह (New Vice Chancellor joined) प्राध्यापक (प्राणीशास्त्र) स्व. महली भगत शासकीय स्नातक महाविद्यालय कुसमी जिला बलरामपुर को अगामी आदेश तक कुलपति नियुक्त किया है। रविवार को उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया है।
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New Vice Chancellor joined: तीन कारणों को किया गया था उल्लेख
प्रकाशित अधिसूचना में जिन 3 कारणों का उल्लेख किया गए थे। इनमें संत गहिरा गुरु विवि के कार्यकलापों में कुप्रशासन तथा अव्यवस्था, विवि में आंतरिक विवाद एवं समन्वय के अभाव के कारण स्वस्थ शैक्षणिक, प्रशासनिक वातावरण का अभाव तथा जनसाधारण एवं छात्रों की दृष्टि में विवि के प्रति विश्वसनीयता में गिरावट शामिल हैं। यह भी लिखा गया था कि यह अधिसूचना प्रकाशन (New Vice Chancellor joined) की तारीख से एक वर्ष की कालावधि के लिए प्रभावी रहेगी।