बलरामपुर जिले के ग्राम बेबदी निवासी कुसुम पंडो पति रामसाय पंडो की 4 मार्च की शाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी कराई गई है। प्रसूता के शरीर में ब्लड की कमी होने पर वार्ड की स्टाफ नर्स ने परिजन को ब्लड की व्यवस्था करने को कहा। परिजन ने काफी कोशिश करने के बाद एक यूनिट ब्लड व्यवस्था की।
ब्लड व्यवस्था होने के बाद परिजन ने उसे चढ़ाने के लिए स्टाफ नर्स को दिया। लेकिन स्टाफ नर्स द्वारा बाद में चढ़ाएंगे कह कर उसे नहीं चढ़ाया गया। इधर परिजन हर कुछ देरी पर मरीज को ब्लड चढ़ाने के लिए निवेदन करते रहे पर स्टाफ नर्स द्वारा इसे गंभीरता से न लेते हुए टाल मटोल किया जाता रहा।
5 मार्च की सुबह 11 बजे तक ब्लड नहीं चढ़ाया गया। इसके बाद स्टाफ नर्स द्वारा बोला गया कि ब्लड खराब हो गया है, पुन: ब्लड की व्यवस्था कर लाएं तब चढ़ाया जाएगा। पंडो जनजाति को प्राप्त है विशेष सुविधा
पंडो जनजाति राष्ट्र्रपति की दत्तक पुत्र कही जाती है। शासन द्वारा इन पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनके विकास के लिए शासन द्वारा तरह -तरह का योजनाओं का लाभ दिया जाता है। वहीं अस्पताल में भी नि:शुल्क इलाज की भी सुविधा है। इसके बावजूद भी इनके साथ दुव्र्यवहार किया जाता है।
पंडो जनजाति राष्ट्र्रपति की दत्तक पुत्र कही जाती है। शासन द्वारा इन पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनके विकास के लिए शासन द्वारा तरह -तरह का योजनाओं का लाभ दिया जाता है। वहीं अस्पताल में भी नि:शुल्क इलाज की भी सुविधा है। इसके बावजूद भी इनके साथ दुव्र्यवहार किया जाता है।
परिजन ने एमएस से की शिकायत
परिजन ने इस मामले की शिकायत मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमएस से की है। एमएस ने मामले की जांच कराने की बात कही है। वहीं सूत्रों के अनुसार वार्ड में भर्ती मरीजों (Patient) को आए दिन समस्या का सामना करना पड़ता है।
कभी पानी बॉटल लगाने व निकालने व अन्य कार्यों के लिए कर्मचारियों के पास मिन्नतें करनी पड़तीं हैं। वहीं रात्रिकालीन में ये सारी व्यवस्था वार्ड ब्वॉय पर छोड़ दी जाती है।