कलेक्टर ने इस अवसर पर कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है कि आदिवासी बहुल सरगुजा जिले के बच्चों को नीट जैसी परीक्षा की तैयारी करने में किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े, विशेष रूप से निर्धन व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को पढ़ाई में अतिरिक्त मदद मिल सके।
इसके लिए ही प्रशासन द्वारा नि:शुल्क आवासीय कोचिंग की सुविधा शुरू की जा रही है। अब तक 100 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, यदि कुछ बच्चे भी चयनित होते हैं तो हमारी मेहनत सफल होगी। इसी तरह ग्रीष्मकालीन अवकाश में उत्कर्ष क्लासेस शुरू की जा रही है।
जिले में 35 स्कूल चयनित किए गए हैं जहां इस सत्र में 10वीं और 12वीं में पढऩे वाले बच्चों के लिए गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन, भौतिकी और अंग्रेजी का अध्यापन किया जाएगा, जिससे वे अगली कक्षा के लिए अग्रिम रूप से तैयार रहें। बच्चों की मदद करने के लिए अपना सहयोग करें।
आपका बहुमूल्य समय बच्चों की जिंदगी संवार सकता है। उन्होंने कहा कि एक कलेक्टर होने के नाते आज प्रोफेशनल लाइफ में जहां हैं, उसके लिए आप ही की तरह एक शिक्षक ने सपोर्ट किया है, तब इस पद पर पहुंचे हैं। एक बच्चे को हम बाहरी रूप से संवार सकते हैं पर शिक्षक ही बच्चों को अंदर से संवारते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की यही कार्ययोजना है कि जल्द पढ़ाई शुरू करने से सिलेबस पूरा करने में आसानी होगी और बच्चों को रिवीजन का मौका मिलेगा। सरगुजा के बच्चों के लिए समन्वित प्रयास करेंगे। इसके जरिए जिले में हमारा प्रयास रिजल्ट बेहतर करने का होगा।
नीट की कोचिंग हेतु व्याख्याताओं का चयन
नि:शुल्क नीट आवासीय कोचिंग हेतु प्रत्येक विषय के 2-2 व्याख्याताओं को चयनित किया गया है। इसके साथ ही उत्कर्ष क्लासेस हेतु चयनित 35 स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी मौजूद रहे।
इस बैठक के दौरान शिक्षकों से भी सुझाव लिए गए। शिक्षकों के सुझाव पर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अगले सत्र में पूरे साल भर शनिवार और रविवार को नीट की विशेष क्लासेस चलाई जाएं, जिससे बच्चों को सालभर में इसका फायदा मिल सके।