अंबिकापुर

Navratri 2021: नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की ऐसे करें पूजा, इस कारण पड़ा ये नाम

Navratri 2021: शारदेय नवरात्र 7 अक्टूबर से शुरु हो रहा है, पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा की पूजा फिर मां शैलपुत्री की पूजा होती है, दूसरे दिन मां ब्रम्हचारिणी व तीसरे दिन मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा होगी

अंबिकापुरOct 06, 2021 / 09:15 pm

rampravesh vishwakarma

Navratri 2021

अंबिकापुर. Navratri 2021: इस बार की नवरात्रि 8 दिन की होगी तथा गुरुवार से मां के पूजन की शुरुआत हो रही है। यह पूजा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। सबसे पहले कलश की स्थापना होगी और मां दुर्गा की पूजा की जाएगी। इसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा होगी।
मां शैलपुत्री की पूजा करते समय लाल सिंदूर, अक्षत व धूप आदि चढ़ाएं। इसके बाद माता के मंत्रों का उच्चारण करते हुए पूजा करें। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण मां दुर्गा जी का नाम शैलपुत्री पड़ा। मां शैलपुत्री नंदी नाम के वृषभ पर सवार होती हैं और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प होता है।

मां शैलपुत्री के पूजन से जीवन में स्थिरता और दृढ़ता आती है। खासतौर पर महिलाओं को मां शैलपुत्री के पूजन से विशेष लाभ होता है।

महिलाओं की पारिवारिक स्थिति, दांपत्य जीवन, कष्ट क्लेश और बीमारियां मां शैलपुत्री की कृपा से दूर होते हैं। जीवन के समस्त कष्ट क्लेश और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए एक पान के पत्ते पर लौंग सुपारी मिश्री रखकर मां शैलपुत्री को अर्पण करें।

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मां शैलपुत्री की विशेष अर्चना
एक साबुत पान के पत्ते पर 27 फूलदार लौंग रखें। मां शैलपुत्री के सामने घी का दीपक जलाएं और एक सफेद आसन पर उत्तर दिशा में मुंह करके बैठें। और ऊं शैलपुत्रये नम: मंत्र का 108 बार जाप करें।
जाप के बाद पूरे लौंग को कलावे से बांधकर माला का स्वरूप दें। अपने मन की इच्छा बोलते हुए यह लौंग की माला मां शैलपुत्री को दोनों हाथों से अर्पण करें। ऐसा करने से आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी तथा पारिवारिक कलह हमेशा के लिए खत्म होंगे।

इस बार 8 दिन का होगा नवरात्र
पंडित जय शंकर पांडे उर्फ रामू महाराज ने बताया कि गुरुवार से नवरात्रि प्रारंभ हो जाएंगे। एक ही दिन में दो तिथियां पडऩे से शारदीय नवरात्रि 8 दिन तक चलेंगे। 9 अक्टूबर दिन शनिवार को तृतीया सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगी, इसके बाद चतुर्थी शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन 10 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 5 बजे तक रहेगी।
उन्होंने बताया कि इस बार देवी मां के पूजन की शुरुआत गुरुवार के दिन से हो रही है, जो पूजा व आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ है। उन्होंने बताया कि नवरात्र की शुरुआत चित्रा नक्षत्र में हो रही है, जिससे साधाना, साहस और संतोष प्राप्त होगा।

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शारदीय नवरात्रि की तिथियां
पहला दिन. 7 अक्टूबर मां शैलपुत्री की पूजा
दूसरा दिन. 8 अक्टूबर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
तीसरा दिन. 9 अक्टूबर मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा
चौथा दिन. 10 अक्टूबर मां स्कंदमाता की पूजा

पांचवां दिन. 11 अक्टूबर मां कात्यायनी की पूजा
छठवां दिन. 12 अक्टूबर मां कालरात्रि की पूजा
सातवां दिन. 13 अक्टूब मां महागौरी की पूजा


आठवां दिन. 14 अक्टूबर मां सिद्धिदात्री की पूजा
15 अक्टूबर. विजयादशमी दशहरा

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