कोरोना काल में जिला प्रशासन के कड़े नियमों के साथ शहर में शारदीय नवरात्र (Navratri 2020) पर्व मनाया जा रहा है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालु मंदिर जाकर माता का दर्शन नहीं कर सकते। मंदिरों व दुर्गा पंडालों में शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इसी के मद्देनजर पहले दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं दिखी।
महामाया मंदिर में गेट के पास जरूर श्रद्धालु आकर पूजा करते रहे, लेकिन इनकी संख्या कम ही रही। लोग घरों में ही मातारानी की आराधना कर रहे हैं। वहीं महामाया मंदिर (Mahamaya temple) द्वारा मातारानी के दर्शन हेतु ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई। मातारानी का दर्शन लोग ऑनलाइन व सोशल मीडिया के सहारे ही कर सकेंगे।
सुबह-शाम आरती का दो दो घंटे लाइव प्रसारण (Live telecast) हुआ। ये क्रम लगातार 9 दिन तक चलेगा। महामाया मंदिर के पुजारी जयशंकर पांडेय उर्फ रामू महाराज ने बताया कि महामाया मंदिर में इस वर्ष ज्योति कलाश प्रज्ज्वलित करने के लिए नई रशीद नहीं काटी गई थी।
चैत्र नवरात्र में भी कोरोना काल के कारण ज्योति कलश प्रज्ज्वलित नहीं किए जा सके थे। इस कारण वही ज्योति कलश शारदीय नवरात्र में प्रज्ज्वलित किए गए। इस वर्ष महामाया मंदिर में 22 सौ घृत व 23 सौ तेल के ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए। वहीं शहर के दुर्गा मंदिर में भी 3 सौ घृत व 13 सौ तेल के मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए।
काफी कम स्थान पर बनाए गए हैं दुर्गा पंडाल
वहीं इस वर्ष शहर में दुर्गा पंडालों की संख्या कम है। शहर में जहां हर वर्ष कई जगहों पर माता दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जाती थी। लेकिन इस वर्ष शहर में कुछ ही जगहों पर ही माता दुर्गा पंडालों में विराजीं हैं। दुर्गा पंडालों में कोविड के नियमों का पालन किया गया है।
मंदिरों के गेट पर पूजा कर रहे श्रद्धालु
कोरोना संक्रमण की वजह से शारदीय नवरात्रि पर्व के अवसर पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं के जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसकी वजह से पहले दिन महामाया मंदिर (Mahamaya mandir) में श्रद्धालु गेट के समीप ही माता की पूजा-अर्चना करते नजर आए। शहर के अन्य मंदिरों में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। मंदिर प्रबंधन भी कोरोना को लेकर नियमों का पालन करते हुए पूरी सावधानी बरत रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की वजह से शारदीय नवरात्रि पर्व के अवसर पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं के जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसकी वजह से पहले दिन महामाया मंदिर (Mahamaya mandir) में श्रद्धालु गेट के समीप ही माता की पूजा-अर्चना करते नजर आए। शहर के अन्य मंदिरों में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। मंदिर प्रबंधन भी कोरोना को लेकर नियमों का पालन करते हुए पूरी सावधानी बरत रहे हैं।