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अंबिकापुर

हसदेव बचाओ आंदोलन में शामिल होने पहुंचीं मेधा पाटकर, दिया समर्थन, पीएम और सीएम पर बोला हमला

Medha Patkar: सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की जनवादी संघर्ष की रही है परंपरा, संविधान व जनता से आंखें फेर चुकीं हैं सरकारें, समर्थन में पूर्व विधायक व किसान नेता (Farmers leader) के अलावा लोरमी विधायक भी हुए शामिल

अंबिकापुरJun 29, 2022 / 09:12 pm

rampravesh vishwakarma

Medha Patkar

Medha Patkar in Hasdev Bachao andolan

उदयपुर. Medha Patkar: हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान के खिलाफ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति द्वारा सतत् संघर्ष को देश के 15 राज्यों से विभिन्न जनवादी संघर्षों के लोगों ने हरिहरपुर धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया है। जन आंदोलनों की नेत्री सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, पूर्व विधायक और किसान नेता डॉ. सुनिलम, लोरमी विधायक धरमजीत सिंह ने इस सभा को संबोधित किया। मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने पीएम मोदी और सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) पर भी हमला बोला। मेधा पाटकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनवादी संघर्ष की परम्परा रही है। वह हसदेव के संघर्ष की जीवटता व प्रतिबद्धता को प्रणाम करतीं हैं। उन्होंने पूंजीपतियों को संरक्षण व समर्थन देने का आरोप लगाते हुए सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकारें अब सविधान और जनता से आंखे फेर चुकीं हंै। पर लोग अब संविधान की रक्षा में खड़े है। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है।

हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह ने देश भर से जुटे लोगों का अभिनंदन किया। रामलाल ने हसदेव अरण्य संघर्ष के सभी महत्वपूर्ण पक्षों के बारे में बताया। आंदोलन की सुनीता पोर्ते ने संघर्ष समिति के संकल्प को दोहराते हुए इस आंदोलन में महिलाओं की सोच और भूमिका के बारे में बताया। सुनीता ने कहा कि कम्पनी के दिए पैसे पेड़ में लगे पत्तों की तरह झड़ जाएंगे, लेकिन हमारी जमीन और जंगल हमारा हमेशा साथ देंगे।
बाल साय ने गीत के जरिए आंदोलन की मूल भावना से आगंतुकों को परिचित कराया। उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, बिहार, झारखंड व ओडिशा से आए लोगों ने अपना परिचय दे कर हसदेव अरण्य आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया।
अनुराधा भार्गव ने मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा में थर्मल प्लांट के विरूद्ध चले संघर्ष की दास्तान को बयान किया और बताया कि किस तरह उन्हें प्रताडि़त किया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भले ही सरकार व सरकारी संस्थान आपके खिलाफ होंगे पर अंतत: जीत जनता की ही होती है।

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विभिन्न संगठनों ने भी दिया समर्थन
सर्वहारा जन आंदोलन की नेता उल्का महाजन ने महामुंबई सेज के खिलाफ चले संघर्ष के अनुभव सुनाए। लोक संघर्ष मोर्चा की प्रतिभा शिंदे ने वन अधिकारों के लिए चले लम्बे संघर्ष के बारे में बताया। वहीं कश्मीर घाटी के तोसा मैदान में फायरिंग रेंज के खिलाफ लम्बे चले संघर्ष और स्थानीय बाशिंदों की जीत के बारे में डॉ. शेख ग़ुलाम रसूल ने सभा को बताया और हसदेव के संघर्ष को समर्थन जताया।

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अगले चुनाव में जनता सिखाएगी सबक
लोरमी विधायक धरमजीत सिंह ने अपनी बात रखते हुए संघर्ष के साथियों को बिचौलियों से सावधान रहने के लिए चेताया। उन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मदनपुर में किया वादा याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगले चुनाव में जनता सरकार को सबक सिखाएगी। अपनी प्रतिबद्दता दोहराते हुए उन्होंने हमेशा संघर्ष के साथ खड़े रहने की बात की।

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