प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में बिलासपुर निवासी दिव्यांशु सिंह ने प्रथम स्थान, रायगढ़ निवासी उदित नारायण प्रधान ने द्वितीय स्थान, रायगढ़ निवासी अतुल प्रधान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं महिला वर्ग में जशपुर निवासी एलिजाबेथ बेक ने प्रथम स्थान, कटघोरा निवासी अनुसुईया ने द्वितीय स्थान और मानिकप्रकाशपुर निवासी प्रियंका मिंज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस दौरान दसवें स्थान तक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।
महोत्सव में हर वर्ष खर्च होते हैं 2 करोड़
गौरतलब है कि मैनपाट महोत्सव के लिए हर वर्ष अनुमानित 2 करोड़ की राशि खर्च होती है। अगर इतनी राशि का उपयोग एक-एक पर्यटन स्थल के विकास के लिए हर साल करें तो मैनपाट में विकास जमीन पर दिखेगा। लेकिन महोत्सव में इतनी बड़ी राशि खर्च होने से इंवेट ऑर्गनाइजर को ही लाभ होता है।
नवंबर से जनवरी तक मौसम खुशनुमा, आयोजन फरवरी में
जनसंपर्क सरगुजा गु्रप में बताया गया है कि मैनपाट का मौसम वर्षभर खुशनुमा होता है, परन्तु नवम्बर से जनवरी के मध्य सर्दियों के मौसम में मैनपाट की खूबसूरती और बढ़ जाती है। बारिश के बाद झरनों की सुंदरता, चारों ओर खेतों में लहराती हुई टाऊ की फसल दर्शनीय होती है।
इसलिए ये मौसम मैनपाट में सैर करने के लिए सबसे अच्छा मौसम है। मैनपाट का खुशनुमा मौसम नवंबर से जनवरी के बीच है तो फिर मैनपाट महोत्सव का आयोजन फरवरी महीने में आखिर क्यों कराया जाता है। इसे लेकर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं।
परीक्षाओं के समय ही आयोजित होता है महोत्सव
फरवरी-मार्च परीक्षाओं का समय रहता है। इस समय बच्चे परीक्षा की तैयारी में लगे रहते हैं। वहीं प्रशासन मैनपाट महोत्सव इसी समय आयोजित कर परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न करने का काम करता है।
अभी बच्चे परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं और प्रशासन महोत्सव मना रहा है। वहीं प्रशासन महोत्सव में भीड़ बढ़ाने अक्सर शैक्षणिक संस्थाओं के बच्चों को बुला लेता है। इससे पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।