लुंड्रा ब्लॉक के रघुनाथपुर चौकी अंतर्गत ग्राम सिलसिला में स्कूल के पीछे बरगद पेड़ के नीचे सालों पुरानी ब्रह्मदेव की पत्थर की मूर्ति थी। मूर्ति का आकार (Lord statue theft) करीब 2 फीट है। इसकी पूजा गांव के लोग लंबे समय से करते आ रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जिस जगह पर मूर्ति थी, वहां बाद में मंदिर बना दिया गया। बैगा यहां कुछ-कुछ दिनों में पूजा करने आते थे। गुरुवार की सुबह जब बैगा पूजा करने पहुंचे तो मंदिर के भीतर से भगवान की मूर्ति गायब थी।
यह खबर उन्होंने ग्रामीणों को दी। सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण मंदिर के पास इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि असामाजिक तत्वों द्वारा मूर्ति चोरी (Lord statue theft) की गई है। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है।
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Lord statue theft: 200 साल पुरानी थी मूर्ति
ग्रामीणों का कहना है कि यह मूर्ति 200 साल से भी पुरानी थी। मूर्ति चोरी (Lord statue theft) होने से उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि 15 दिन पूर्व जब बैगा पूजा करने आए थे तो मूर्ति यहां विराजमान थी। पूर्व में एक धर्म विशेष के लोगों द्वारा यहां गंदगी की गई थी, इसे लेकर विवाद भी हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे ही असामाजिक तत्वों द्वारा यह कृत्य कर सामाजिक सौहाद्र्र बिगाडऩे का प्रयास किया गया है।