Lok Sabha Chunav 2024: सरगुजा लोकसभा सीट के लिए 7 मई को होगी वोटिंग, राज्य गठन के बाद से भाजपा का रहा है कब्जा, जानें इतिहास
Lok Sabha Chunav 2024: चुनाव घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू, जिला प्रशासन द्वारा शहर सहित जिलेभर में सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे पोस्टर-बैनर हटाने का काम हुआ शुरु
अंबिकापुर. Lok Sabha Chunav 2024: भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है। देश की 543 लोकसभा सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा, जबकि 4 जून को मतगणना के साथ ही रिजल्ट जारी किया जाएगा। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में प्रथम 3 चरणों में चुनाव होगा। सरगुजा लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण अर्थात 7 मई को वोटिंग होगी। लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा संपत्ति विरूपण की कार्रवाई भी शुरु कर दी गई है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से अब तक सरगुजा सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा है।
गौरतलब है कि सरगुजा संसदीय सीट के लिए तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी। सरगुजा लोकसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 18 लाख 2 हजार 941 है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 98 हजार 269 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 04 हजार 639 है। जब थर्ड जेंडर वोटरों की संख्या 33 है।
ये मतदाता अपने मनपसंद उम्मीदवार का चुनाव करेंगे। मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में ही है। आदर्श आचार संहिता लागू होते ही कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विलास भोस्कर के मार्गदर्शन में प्रशासनिक अमला सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाही में जुट गया है।
इसके तहत शासकीय कार्यालयों एवं स्थलों, सार्वजनिक स्थानों सहित निजी सम्पत्तियों में लगाए गए राजनैतिक संबद्धता के सभी विज्ञापन, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्सी, दीवार लेखन, राजनैतिक व्यक्तियों के फोटो हटवाए जा रहे हैं। इसके लिए नगर निगम अंबिकापुर में 5 टीमें गठित की गई है। जनपद पंचायतों में हर पंचायत स्तर पर पटवारी के नेतृत्व पर पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और कोटवार की टीम बनाई गई है।
72 घंटे में हटाए जाएंगे राजनैतिक विज्ञापन भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार शासकीय सम्पत्ति, शासकीय कार्यालय से राजनैतिक संबद्धता के सभी विज्ञापन, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्सी, दीवार लेखन राजनैतिक व्यक्तियों के फोटो आदि 24 घंटे के भीतर हटाया जाएगा।
इसी प्रकार सार्वजनिक स्थल जैसे-रेल्वे स्टेशन, बस स्टॉप, सडक, पुल के किनारे सरकारी खर्च पर लगाए गए होर्डिंग, राजनैतिक विज्ञापन, राजनीति में सक्रिय व्यक्तियों के चित्र, संदेश वाले विज्ञापन, बिजली के खंभों एवं वृक्षों पर लगाए गए बैनर, पोस्टरों को 48 घंटे के भीतर हटाया जाना है, वहीं निजी घरों में किये गए दीवार लेखन, राजनैतिक विज्ञापन को 72 घंटे के भीतर हटाने की कार्यवाही की जाएगी।
राज्य गठन के बाद से भाजपा का कब्जा छत्तीसगढ़ गठन के बाद से अब तक सरगुजा लोकसभा सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा है। राज्य गठन के बाद पहला चुनाव वर्ष 2004 में हुआ था। इसमें भाजपा के नंदकुमार साय ने रिकॉड मतों से जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2009 में भाजपा के मुरारीलाल सिंह, वर्ष 2014 में कमलभान सिंह व वर्ष 2019 में रेणुका सिंह ने जीत दर्ज की थी।
सरगुजा लोकसभा सीट का ये है इतिहास सरगुजा लोकसभा सीट पर वर्ष 1952 से चुनाव हो रहा है। इस दौरान रायगढ़ भी सरगुजा संसदीय सीट का हिस्सा था।अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर पहली बार दो सांसद चुने गए थे। सामान्य वर्ग से पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के दादा कुमार चंडिकेश्वर शरण सिंहदेव व आदिवासी वर्ग से बाबूनाथ सिंह सांसद चुने गए थे।
इसके बाद से 1977 तक लगातार 5 लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बाबूनाथ सिंह ही चुनाव जीतते रहे। वर्ष 1977 में जनता पार्टी के लरंग साय तथा 1980 में कांग्रेस के चक्रधारी सिंह ने चुनाव जीता था। वर्ष 1996 व 1999 में कांग्रेस के खेलसाय सिंह को जीत मिली थी।
सरगुजा लोकसभा सीट अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें अंबिकापुर, लुंड्रा, सीतापुर, सामरी, रामानुजगंज, प्रेमनगर, भटगांव व प्रतापपुर शामिल हैं।
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