लॉकडाउन अवधि बीतने के बाद भी संक्रमितों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है, इसे देखते हुए कलक्टर संजीव कुमार झा ने संशोधित आदेश जारी करते हुए लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि 26 अप्रैल की रात 12 बजे तक बढ़ा (Lockdown extend) दिया है। इसमें कुछ सेवाओं को सशर्त छूट भी दी गई है।
सरगुजा कलक्टर ने जो संशोधित आदेश जारी किया है, उसके अनुसार-
1. 26 अप्रैल की रात 12 बजे तक जिले की संपूर्ण सीमाएं सील रहेंगीं तथा जिले में संचालित समस्त शराब दुकानें बंद रहेंगीं।
2. मेडिकल दुकान एवं पेट्रोल पंप को पूर्व में जारी आदेश के हिसाब से ही खुलने की अनुमति दी गई है
3. सभी प्रकार की मंडियां, थोक, फुटकर एवं ग्रॉसरी दुकानें बंद रहेंगीं, जबकि सीधे किसानों एवं उत्पादकों को सप्लाई की शर्त के साथ फल, सब्जी, अंडा एवं ग्रॉसरी (आटा, चावल, दाल, नमक, तेल) को गली-मोहल्लों एवं कॉलोनियों में विक्रय की अनुमति केवल स्ट्रीट वेंडर्स अर्थात ठेले वाले को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक ही होगी।
इस दौरान मास्क पहनना एवं फिजिकल डिस्टेंस का पालन करना अनिवार्य होगा। संबंधित क्षेत्र के सक्षम प्राधिकारी इसकी निगरानी करेंगे तथा नियम का उल्लंघन करने पर जब्ती व चालानी कार्रवाई करेंगे।
4. शासकीय उचित मूल्य दुकानों को निर्धारित समयावधि में खुलने की अनुमति होगी। इस दौरान कोविड नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस बीच टोकन सिस्टम के आधार पर सामग्री का वितरण किया जाएगा।
4. शासकीय उचित मूल्य दुकानों को निर्धारित समयावधि में खुलने की अनुमति होगी। इस दौरान कोविड नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस बीच टोकन सिस्टम के आधार पर सामग्री का वितरण किया जाएगा।
यह भी पढ़ें सख्त लॉकडाउन देखने रात में निकले कलक्टर-एसपी, जब देखा ये तो कलक्टर ने इन्हें लगाई फटकार
5. दुग्ध पार्लर व दुग्ध वितरण तथा न्यूज पेपर हॉकर द्वारा समाचार पत्रों के वितरण की समयावधि प्रात: 6 बजे से प्रात: 8 बजे तक एवं शाम 5 बजे से 6.30 बजे तक ही होगी। पैट शॉप एवं एक्वेरियम को केवल पशुओं के पशुचारा देने हेतु प्रात: 6 बजे से प्रात: 8 बजे तक एवं शाम 5 बजे से 6.30 बजे तक शॉप खोलने की अनुमति होगी।
बाकी के सभी आदेश पूर्ववत रहेंगे
कलक्टर (Surguja Collector) द्वारा जारी संशोधित आदेश के अलावा अन्य सभी आदेश 11 अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार ही रहेंगे। नया आदेश 23 अप्रैल की रात 12 बजे से लागू हो जाएगा।
उपरोक्त आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति एवं प्रतिष्ठानों पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51-60 तथा अन्य सुसंगत विधि के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।