मैनपाट और बतौली के सर्किल क्रमांक 9/2470 में मिलीभगत कर पहले 5 एकड़ जमीन का फर्जी पट्टा तैयार किया गया। इसके बाद पट्टे की आड़ में २७ एकड़ भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया था। इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा की गई थी। इसके बाद सीतापुर एसडीएम रवि राही ने टीम को मामले की जांच के निर्देश दिए थे।
एसडीएम के निर्देशानुसार बतौली तहसीलदार तारा सिदार, वन विभाग के एसडीओ पीसी मिश्रा, सीतापुर रेंजर विजय तिवारी, उद्यान विभाग के अधिकारी मैनपाट के सर्किल क्रमांक 9/2470 में जांच करने पहुंचे। जांच में ग्रामीणों की शिकायत सही पाई गई। वन अमले ने अवैध कब्जा के लिए रखे गए खुंटे और फेंसिंग तार को अपने कब्जे में लिया।
पूर्व सरपंच है मामले में संलिप्त
जांच में इस बात को सही पाया गया कि पूर्व सरपंच द्वारा मैनपाट और बतौली सर्किल के 9/2470 कंपार्टमेंट में फर्जी तरीके से 5 एकड़ भूमि का पट्टा मिलीभगत कर बनवाया गया है।
इस पट्टे को जांच टीम द्वारा निरस्त करने करने की बात कही गई है। वहीं घने जंगल के बीचों-बीच भूमि का पट्टा वन विभाग द्वारा पूर्व सरपंच को प्रदान करना सवालों को घेरे में है।
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उद्यानिकी विभाग भी सवालों के घेरे में
इस मामले में उद्यानिकी विभाग भी सवालों में घिर चुका है। उद्यानिकी विभाग द्वारा भी चार मृत व्यक्ति के नाम पर बिना जांच किए ही फेंसिंग तार और खुंटों के लिए लोन पास किया गया था। इसमें पूर्व सरपंच राजनाथ को भी लोन प्रदान करना सवालों को घेरे में है। इस मामले में अब अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
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जांच में अवैध रूप से कब्जा की बात
अभी जांच प्रक्रिया चल ही रही है। जो तथ्य सामने आए हैं, उनमें घने जंगल में अवैध रूप से कब्जा पाया गया। उद्यान विभाग द्वारा मृतकों के नाम पर लोन दिए जाने की बात भी सामने आई है। फिलहाल जांच टीम द्वारा वन पट्टे के निरस्तीकरण तथा घेराव किए गए फेंसिंग तार और खुंटों को जब्त किया गया है।
तारा सिदार, तहसीलदार, बतौली