अंबिकापुर

बहुचर्चित जमीन घोटाला: कलेक्टर न्यायालय ने 4.22 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री घोषित की शून्य

Big Land scam: शहर के राजमोहिनी देवी भवन के पास स्थित गोचर मद की भूमि को अपने नाम कराकर बिक्री का किया गया था खेल, बंसु पिता भुटकुल तीसरी बार कलेक्टर न्यायालय में नहीं हुआ उपस्थित

अंबिकापुरMar 28, 2024 / 07:31 pm

rampravesh vishwakarma

Land whose registry declared void

अंबिकापुर. Big Land scam: शहर के राजमोहिनी देवी भवन के पास स्थित बहुमूल्य 4.22 एकड़ जमीन घोटाले के मामले में कलेक्टर न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। कलेक्टर ने उक्त जमीन की सभी रजिस्ट्रियां शून्य घोषित कर दी हंै। उन्होंने नजूल अधिकारी को गोचर मद की भूमि को पुन: गोचर मद में दर्ज करते हुए शासकीय मद में दर्ज करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि जमीन बिक्री करने वाले लोगों के समूह द्वारा उक्त जमीन को बंसू पिता भुटकुल के नाम दर्ज कराकर कई लोगों को बिक्री की थी। इस फर्जीवाड़े में तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह व राहुल सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध भी दर्ज किया गया है। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ये फरार चल रहे हैं।

गौरतलब है कि शहर के बहुचर्चित जमीन घोटाले के मामले में कलेक्टर न्यायालय में गुरुवार को मामले की ऑनलाइन सुनवाई की गई। इसमें शामिल बंसू पिता भुटकुल को बुलाया गया था लेकिन 14 मार्च व 21 मार्च की सुनवाई की तरह ही वह उपस्थित नहीं हुआ।
उसकी लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने 19 पृष्ठ का आदेश जारी किया कि बंसू प्रति छत्तीसगढ़ शासन मामले में प्रावधानों व संहिता के विपरीत पाए जाने से निरस्त किया जाता है एवं नमनाकला स्थित भूमि 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज किए जाने का आदेश जारी किया जाता है।
साथ ही नजूल अधिकारी को रिकार्ड दुरुस्त कर प्रतिवेदन भेजने कहा गया है। बंसू आत्मज भुटकुल ने गलत तरीके से शासकीय भूमि का पटटा अपने नाम कराया था, इसलिए उसके द्वारा बेची गई भूमि आदेश को भी निरस्त किया जाता है।

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बेची गई जमीन की रजिस्ट्रियां भी निरस्त
कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा कि बंसू द्वारा अनावेदक सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को उक्त जमीन बिक्री की थी।
इन सभी को बिक्री की गई शासकीय भूमि भी निरस्त की जाती है। कलेक्टर ने कहा कि यह आदेश खुली न्यायालय से जारी किया जाता है।

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सेटलमेंट में गोचर मद की भूमि
तहसीलदार (नजूल) अंबिकापुर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अंबिकापुर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार शहर के नमनाकला स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/1 रकबा 1.710 हे (4.22 एकड़) भूमि सरगुजा सेटलमेंट में गोचर मद की भूमि है।
इसे अनियमित पट्टा और विधिक प्रावधानों के विपरीत अनावेदक बंसू द्वारा अपने नाम पर कराते हुए उक्त शासकीय नजूल भूमि में से कई व्यक्तियों को विक्रय कर दिया गया था।

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ये था मामला
राजमोहिनी भवन के बगल में शासकीय जमीन खसरा नंबर 243/1 संशोधित खसरा नंबर 243/41 रकबा 4.22 एकड़ स्थित है। जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले लोगों द्वारा आरआई नारायण सिंह, तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो व नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी की मिलीभगत से उक्त जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया।
इसके लिए उनके द्वारा ग्राम परसा महादेवपारा निवासी बंसु राम पिता भुटकुल राम का नया आधार कार्ड बनवाकर उसे तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो के समक्ष 7 अक्टूबर 2022 को खड़ा कर नजूल अभिलेखों में उसका नाम दर्ज कराकर दुरुस्त कराया गया था।
इसी दिन नजूल अभिलेख में खसरा नंबर 243/1 को संशोधित कर खसरा नंबर 243/41 रकबा 4.22 एकड़ दर्ज कर बंसु के नाम दर्ज कर दिया गया था।

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लंबे समय से अनुपस्थित अधिकारी-कर्मचारी किए गए निलंबित
शासकीय कर्तव्य से बिना सूचना एवं अनुमति के अनुपस्थित रहने पर राजस्व निरीक्षक नजूल नारायण सिंह, अम्बिकापुर तहसील कार्यालय के राजस्व निरीक्षक राहुल कुमार सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय धौरपुर के सहायक ग्रेड 02 अजय तिवारी को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के निहित प्रावधानों के तहत कलेक्टर सरगुजा द्वारा निलंबित किया गया है।
वर्तमान में लोकसभा निर्वाचन के मद्देनजर जिले में आदर्श आचार संहिता लागू है। आदर्श आचार संहिता के लागू होने से लोक सेवकों के अवकाश पर प्रतिबंध लगाया गया है।

ऐसे में उक्त अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा बिना सूचना के अनुपस्थित रहना पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में उपेक्षा तथा लापरवाही पाई गई है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। गौरतलब है कि निलंबित किए गए नारायण सिंह, राहुल सिंह व अजय तिवारी शहर के बहुचर्चित जमीन घोटाले में फरार आरोपी भी हैं।

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