राजमोहिनी देवी भवन के पीछे स्थित 4.22 एकड़ जमीन घोटाला मामले में शामिल बंशु लोहार आत्मज भुटकुल ने अंतत: बुधवार की दोपहर 12 बजे सीजेएम न्यायालय में सरेंडर कर दिया। मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट खुलेश्वरी सिन्हा के समक्ष बंद कमरे में बंशु लोहार का बयान दर्ज किया गया।
बयान दर्ज करने के बाद पुन: उसे सीजेएम न्यायालय में भेज दिया गया। यहां पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए न्यायालय से 8 दिन की रिमांड की मांग की गई थी। जबकि सीजेएम न्यायालय द्वारा पुलिस को 4 दिन की रिमांड दी गई है।
ये था मामला
जमीन बिक्री करने वाले व्यक्तियों के समूह द्वारा राजमोहिनी देवी भवन के पास स्थित 4.22 एकड़ जमीन को बंसू पिता भुटकुल के नाम दर्ज कराकर कई लोगों को बिक्री की थी। इस फर्जीवाड़े में तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह व राहुल सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध भी दर्ज किया गया है।
कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ये फरार चल रहे हैं। इधर जमीन घोटाले के मामले में कलेक्टर न्यायालय में 28 मार्च को ऑनलाइन सुनवाई की गई थी। घोटाले में शामिल बंसू पिता भुटकुल को बुलाया गया था लेकिन 14 मार्च व 21 मार्च की सुनवाई की तरह ही वह उपस्थित नहीं हुआ था।
उसकी लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने 19 पृष्ठ का आदेश जारी किया कि बंसू प्रति छत्तीसगढ़ शासन मामले में प्रावधानों व संहिता के विपरीत पाए जाने से निरस्त किया जाता है एवं नमनाकला स्थित भूमि 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज किए जाने का आदेश जारी किया जाता है।
साथ ही नजूल अधिकारी को रिकार्ड दुरुस्त कर प्रतिवेदन भेजने कहा गया है। बंसू आत्मज भुटकुल ने गलत तरीके से शासकीय भूमि का पटटा अपने नाम कराया था, इसलिए उसके द्वारा बेची गई भूमि आदेश को भी निरस्त किया जाता है।
बेची गई जमीन की रजिस्ट्रियां भी निरस्त
कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा था कि बंसू द्वारा अनावेदक सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को उक्त जमीन बिक्री की थी। इन सभी को बिक्री की गई शासकीय भूमि भी निरस्त की जाती है।
4.22 एकड़ जमीन पर बनेगा सिविल कोर्ट
30 मार्च को हुई जिला स्तरीय समिति (अधोसंरचना) की बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अम्बिकापुर द्वारा अंबिकापुर में जिला न्यायालय अंबिकापुर के नवीन न्यायालय भवन निर्माण एवं जिला मुख्यालय अंबिकापुर के न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास गृह निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गई थी।
मांग के अनुसार राजमोहिनी भवन के पीछे स्थित शासकीय नजूल भूमि रकबा 1.70 हेक्टेयर यानी कुल 4.22 एकड़ भूमि को जिला न्यायालय अंबिकापुर के नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु अग्रिम आधिपत्य प्रदान किया गया है। यह जमीन बंशु लोहार मामले से जुड़ा था।
इसी प्रकार जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर के मांग के अनुसार पॉवर हाउस रोड शनि मंदिर के पास नमनाकला स्थित भूमि रकबा 4.11 एकड़ भूमि को जिला मुख्यालय अंबिकापुर के न्यायायिक अधिकारियों के शासकीय आवास गृह निर्माण हेतु प्रदान किया गया।