सरगुजा महाराजा रामानुज शरण सिंहदेव ने अपनी माता के लिए पैलेस प्रांगण में राधा वल्लभ मंदिर का निर्माण वर्ष 1931 में कराया था। इस मंदिर में रामानुज शरण सिंहदेव की माता पूजा करतीं थीं। तब से कृष्ण जन्माष्टमी पर इस मंदिर में विशेष पूजा की जाती है। इस वर्ष भी कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2024) इस मंदिर में धूमधाम से मनाया जाएगा।
मंदिर में तैयारी पूरी कर ली गई है। मंदिर परिसर की साफ-सफाई कर आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है। वहीं जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2024) से एक दिन पूर्व राजपरिवार की बहू त्रिशाला सिंहदेव ने रविवार को मंदिर पहुंचकर तैयारी का जायजा लिया। यहां सोमवार की सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर में पहुंचेंगे। यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहेगा।
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राजपुरोहित कराते हैं जन्म
प्राचीन राधा वल्लभ मंदिर में जन्माष्टमी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। शहर सहित आस पास के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और परिवार की सुख समृद्धि व संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते हैं। वहीं राजपुरोहित द्वारा जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2024) के दिन रात करीब 12 बजे विशेष पूजा अर्चना कर भगवान कृष्ण का जन्म कराने का विधि पूर्ण करते हैं।यह है मुहूर्त
मंदिर के पुजारी पंडित रामनरेश द्विवेदी ने बताया कि 26 अगस्त की सुबह 8.20 बजे से अष्ठमी तिथि लग जाएगी, जो 27 अगस्त की सुबह 6.34 बजे तक रहेगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त की रात 9.10 बजे से 27 अगस्त की सुबह 8.23 बजे तक रहेगा। जबकि जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाया जाएगा। यह भी पढ़ें