scriptसरगुजा में 2000 रुपए किलो बिक रही यह शाकाहारी सब्जी, काफी महंगी फिर भी भारी डिमांड | Khukhadi: This vegetarian vegetable is being sold for Rs 2000 a kg | Patrika News
अंबिकापुर

सरगुजा में 2000 रुपए किलो बिक रही यह शाकाहारी सब्जी, काफी महंगी फिर भी भारी डिमांड

Khukhadi: साल व सागौन के मिश्रित वन, लाल मिट्टी व दीमक के टीलों में तैयार होता है शुद्ध देशी खुखड़ी, शाकाहारी सब्जियों में है सबसे महंगी, टमाटर तो इसके इर्द-गिर्द भी नहीं

अंबिकापुरAug 10, 2023 / 09:30 pm

rampravesh vishwakarma

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अंबिकापुर. Khukhadi: शाकाहारी सब्जियों में यदि सबसे महंगी सब्जी की बात की जाए तो पनीर का नाम सबकी जुबां पर आता है। पिछले दो महीने से टमाटर की कीमत ने हाहाकार मचा रखा है, फिलहाल 200 से लेकर 250 रुपए तक इसकी कीमत पहुंच चुकी है। लेकिन शुद्ध देशी खुखड़ी इन दिनों सरगुजा में 1600 से 2000 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है। काफी महंगा होने के बाद भी इसकी भारी डिमांड है। इसे खरीदने लोगों की लाइन लग रही है। विशिष्ट स्वाद व पौष्टिकता के कारण हर साल इसकी काफी पूछ-परख रहती है। यह मिश्रित वन, लाल मिट्टी व दीमक के टीलों में तैयार होता है।

सरगुजा में पुटू के बाद अब खुखड़ी (देशी मशरूम) की डिमांड काफी बढ़ गई है। ग्रामीण इसे लेकर शहर में पहुंच रहे हैं और हाथों-हाथ यह बिक जा रही है। सरगुजा जिले में साल व सागौन के मिश्रित वन होने के कारण दीमक का प्रकोप यहां ज्यादा देखने को मिलता है।
यही दीमक इस पौष्टिक व स्वादिष्ट खुखड़ी का उत्पादन करने में मदद करते हैं। फिलहाल सरगुजा जिले में शुद्ध देशी खुखड़ी 1600 से 2000 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। लोग लाइन लगाकर इसे खरीद रहे हैं।
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भरपूर मात्रा में होता है प्रोटीन
शुद्ध देशी खुखड़ी में दाल से भी अधिक प्रोटीन होता है। हाईप्रोटीन व मिनरल्स होने के कारण यह शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ाता है। युवा वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शर्मा का कहना है कि खुखड़ी बहुतायत में दीमक के टीलों के पास पाए जाते हैं। दीमक को ही इसका जनक माना जा सकता है।

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स्थानीय बोली में कहते हैं पिहरी
सरगुजा में साल व सागौन के मिश्रित वन हैं। मिश्रित वनों में 15 जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक खुखड़ी उगता है। खुखड़ी को स्थानीय बोली में ‘पिहरी’ के नाम से भी जाना जाता है। विशिष्ट स्वाद व पौष्टिकता के कारण प्राकृतिक रूप से मिलने वाले मशरूम को लोग काफी पसंद करते हैं।
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लाल मिट्टी की मिठास से होता है तैयार
सरगुजा जिले की मिट्टी लाल है, इसमें मीठापन होता है। इसी मिट्टी में साल और सागौन की पत्तियों से दीमक अधिक लगते हैं। इस कारण वे जंगलों में टीले बना लेते हैं। इसी लाल मिट्टी व दीमक की क्रिया से खुखड़ी उत्पन्न होता है।

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वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत का है ये कहना
कलेक्टोरेट स्थित बायोटेक लैब के वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत ने बताया कि प्रारंभिक पड़ताल के आधार पर ऐसी मिट्टी जहां दीमक का प्रकोप ज्यादा होता है, ऐसे स्थानों पर विशेष यौगिक मिट्टी में पाए जाते हैं। यहां सूक्ष्म जीवों में विशेष क्रिया होती है, यही वजह है कि सरगुजा में पौष्टिक मशरूम या खुखड़ी मिलता है।

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