जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सुलेसापाठ निवासी 18 वर्षीय पूर्णिमा यादव पिता ललित यादव कुछ दिनों से सर्दी-खांसी के कारण कमजोर हो गई थी। बुधवार को उसका पिता इलाज कराने ग्राम गुमचा स्थित एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गया था।
यहां डॉक्टर द्वारा पूर्णिमा के पिता को बताया गया कि आपकी लडक़ी काफी कमजोर है, इसे इंजेक्शन लगाना पड़ेगा। डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाते ही युवती की तबियत बिगडऩे लगी, उसने पिता से कहा कि उसे चक्कर आ रहा है, इसके बाद वह झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में ही बेहोश हो गई।
यह देख झोलाछाप डॉक्टर भी घबरा गया और आनन फानन में 5 रुपए और वाहन की व्यवस्था कर पिता-बेटी को अंबिकापुर अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया। परिजन उसे लेकर अंबिकापुर आ रहे थी,
इसी बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इधर परिजन युवती को मिशन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने जांच पश्चात उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल मिशन अस्पताल चौकी पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।
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पिता ने की कार्रवाई की मांग
बेटी के मौत के बाद उसके पिता ने झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। मृतका के पिता का कहना है कि इंजेक्शन लगाते ही मेरी बेटी की तबियत बिगड़ गई थी। जबकि इससे पहले वह ठीक थी।
वह मेरे साथ बैंक गई थी। बैंक का काम खत्म करने के बाद बेटी ने दवा खरीदने के लिए कहा था, इसके बाद वह गुमचा में ही एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक में बेटी का इलाज कराने पहुंचा था। मृतका के पिता ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।