दरअसल कोरिया जिले में शगुन गार्डन शादी घर के संचालक अंबिकापुर निवासी राजीव पाठक ने शादी समारोह में आए मेहमानों के लिए ऐसी व्यवस्था की, जो चर्चा में है। उन्होंने शादी समारोह में एक भी प्लास्टिक के डिस्पोजल व गिलास का उपयोग नहीं किया।
दोसा व चिला खाने के लिए केले के पत्ते, खाने के लिए स्टील की थाली व गिलास, कॉफी व चाय के लिए कुल्हड़ का उपयोग किया था। यह नवाचार देख शादी में आए मेहमान भी खुश नजर आए।
सबको ये व्यवस्था पसंद आई। यदि हर शादी व अन्य समारोह में प्लास्टिक की थाली, चम्मच, डिस्पोजल का उपयोग न किया जाए तो यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा। खुद खर्च किया वहन
शादी घर संचालक का कहना है कि प्लास्टिक की थाली, गिलास व डिस्पोजल उपयोग करने पर खर्चे कम पड़ते हैं। वहीं इस शादी में उन्होंने जो सामान उपयोग किया, उसपर खर्च ज्यादा आया। इसके बावजूद उन्होंने शादी बुक करने वाले लोगों से उसका खर्च नहीं लिया, बल्कि खुद खर्च वहन किया। उनका मानना है कि ऐसा करने से समाज में एक संदेश जाएगा और लोग इसके प्रति जागरुक होंगे।
शादी घर संचालक का कहना है कि प्लास्टिक की थाली, गिलास व डिस्पोजल उपयोग करने पर खर्चे कम पड़ते हैं। वहीं इस शादी में उन्होंने जो सामान उपयोग किया, उसपर खर्च ज्यादा आया। इसके बावजूद उन्होंने शादी बुक करने वाले लोगों से उसका खर्च नहीं लिया, बल्कि खुद खर्च वहन किया। उनका मानना है कि ऐसा करने से समाज में एक संदेश जाएगा और लोग इसके प्रति जागरुक होंगे।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर है बैन
केंद्र सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया गया है। इसके बावजूद लोगों द्वारा धड़ल्ले से इसका उपयोग किया जा रहा है। किराना दुकान से लेकर सब्जियों व फलों की दुकानों में आसानी से प्लास्टिक मिल जाएंगे। यही नहीं, नियम का पालन कराने वाले जिम्मेदार लोग भी पॉलीथिन का उपयोग करते हैं।