मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार का निर्माण नगर निगम द्वारा 45 लाख रुपए की लागत से कराया गया है। प्रवेश द्वार का निर्माण अभी पूरी तरह से पूर्ण नहीं हुआ है। कुछ काम अभी भी बाकी है। इधर 7 जनवरी की दोपहर में पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव व नगर निगम के महापौर डॉ. अजय तिर्की ने पूजा-अर्चना कर प्रवेश द्वारा का लोकार्पण कर दिया।
महापौर ने कहा कि लोकार्पण कार्यक्रम (Inauguration Politics) विधिवत रूप से इसलिए नहीं किया गया है कि प्रदेश में एक दिन पूर्व ही नक्सली हमले में हमारे जवान शहीद हुए हैं। पूरा कार्यक्रम सादगीपूर्वक पूजा-अर्चना कर किया गया है।
इस दौरान पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण ङ्क्षसहदेव, बालकृष्ण पाठक, द्वितेन्द्र मिश्रा सहित अन्य पार्षद व शहरवासी उपस्थित थे।
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भाजपाई बोले- आनन-फानन में किया गया लोकार्पण
मां महामाया मंदिर प्रवेश द्वार के उद्घाटन (Inauguration politics) के बाद तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। भाजपा नेता व पार्षदद्वय आलोक दुबे और मधुसुदन शुक्ला ने कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव व महापौर डॉ. अजय तिर्की द्वारा आनन-फानन में झूठा श्रेय लेने के उद्देश्य से प्रवेश द्वार का उद्घाटन किया गया है। जबकि उद्घाटन कार्यक्रम नक्सली हमले में शहीद 8 जवानों को लेकर स्थगित कर दिया गया था। लोकार्पण कार्यक्रम में निगम प्रशासन (Inauguration Politics) की भी उपस्थिति नहीं थी। निगम का कार्यकाल 7 जनवरी को खत्म हो रहा था, इसलिए अधूरे मां महामाया प्रवेश द्वारा का लोकार्पण किया गया है।
आलोक दुबे ने कहा कि 11 जनवरी को शासकीय लोकार्पण कार्यक्रम निर्धारित है। बेहतर होता कि सभी समाज व दल के लेाग गरिमामय ढंग से लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होते, इससे समाज में एक अच्छा संदेश जाता।
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