दोनों के कब्जे से कुल 52 लीटर अवैध महुआ शराब (Illegal liquor) जब्त किया गया। दोनों व्यक्ति उक्त शराब को घर में तैयार कर बेचने के उद्देश्य से रखे थे। आबकारी टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया है।
वहीं 4 दिन पूर्व सरकारी शराब दुकान के 2 सेल्समैन व एक गार्ड को मिलावटी शराब बनाते पकड़ा गया था। स्टेट माकेर्टिंग कार्पोरेशन लिमिटेड सरगुजा द्वारा तीनों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
आबकारी उप निरीक्षक रंजीत गुप्ता ने बताया कि शहर के बनारस चौक के पास स्थित शनि मंदिर के आसपास भारी मात्रा में अवैध शराब बिक्री की शिकायत मिल रही थी। बुधवार को जिला आबकारी अधिकारी (Excise officer) के मार्गदर्शन में आबकारी उपनिरीक्षक रंजीत गुप्ता नेतृत्व में टीम ने शनि मंदिर के आसपास के घरों में दबिश दी।
इसमें चंद्रिका उरांव के कब्जे से 45 लीटर महुआ शराब एवं टीलू चौहान के कब्जे से 7 लीटर महुआ शराब जब्त किया गया। दोनों व्यक्ति घर में उक्त शराब तैयार कर बिक्री करने के लिए रखे थे। दोनों को आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) एवं 59 (क) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
कार्रवाई में आबकारी आरक्षक जय प्रकाश चौबे, गिरजा शंकर शुक्ला, रमेश दुबे, अनिल गुप्ता, अशोक गुप्ता, श्यामसुंदर पैकरा, कमलेश्वर राजवाड़े, जयनंदन राजवाड़े एवं ज्योति मिंज उपस्थित रहे।
शराब दुकान के दो सेल्समैन व गार्ड की सेवा समाप्त
चार दिन पूर्व शहर के सुभाषनगर स्थित सरकारी शराब दुकान का एक कर्मचारी अपने एक साथी के साथ किराए के मकान में मिलावटी शराब बनाते हुए पकड़ा गया था। गांधीनगर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आबकारी विभाग पर भी कई सवाल उठ रहे थे।
मिलावटी शराब के अवैध कारोबार (Illegal business) में शराब दुकान के और कर्मचारियों के शामिल होने के संदेह पर आबकारी विभाग द्वारा मामले की जांच की जा रही थी। जांच में पाया गया कि सेल्समैन अभिषेक सिंह, मुकेश चौधरी, सुरक्षा गार्ड सत्येंद्र रजक द्वारा लॉकडाउन में निर्धारित दर से अधिक दर पर शराब बेचने एवं मिलावट का कार्य किया जा रहा था।
इन तीनों को जांच में दोषी पाए जाने पर स्टेट माकेर्टिंग कार्पोरेशन लिमिटेड सरगुजा द्वारा तत्काल सेवा से पृथक (Dismissed) कर दिया गया है।