गौरतलब है कि महान-2 खदान से लगे इलाके धाधागिरी, लोधीडांड़, हरहुड व राजपुर क्षेत्र में कोयले की दर्जनों अवैध खदानें हैं। यहां से तस्करों द्वारा जेसीबी के माध्यम से सैकड़ों टन कोयला निकाला जाता है। रातों-रात इस अवैध कोयले को ग्राम दुप्पी, रेवतपुर, सिधमा सहित अन्य गांवों में संचालित ईंट-भट्ठों में खपाया जाता है।
महान-2 खदान से लगे गांवों में लोहे की कई अवैध चिमनियां संचालित हैं। ग्राम दुप्पी में धर्मपाल जायसवाल, ग्राम रेवतपुर में संजय जायसवाल, रमेश रजक, संजय सिंह व ग्राम सिधमा में विक्की जायसवाल की अवैध चिमनियां हैं।
कुएंनुमा गड्ढे में डंप किया जाता है कोयला
सूत्रों के अनुसार खदान क्षेत्र की प्राइवेट जमीनों पर जेसीबी के माध्यम से गड्ढा कर अवैध खदानें तैयार की गई हैं। यहां से तस्करों द्वारा कोयला ईंट-भट्ठों में पहुंचाया जाता है। हर ईंट-भट्ठे के आस-पास ही तैयार कुएंनुमा गड्ढों में इन अवैध कोयले को छिपाकर रखा जाता है। सूत्र बताते हैं कि हर भट्ठे में करीब 500-600 टन कोयला रखा हुआ है।
लगातार कर रहे हैं पेट्रोलिंग
पिछले 1 महीने से पुलिस टीम लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। इस तरह की बात नहीं है। फिलहाल कहीं से कोयला नहीं निकाला जा रहा है, हमनें सख्ती कर रखी है। ईंट-भट्ठे अभी बंद हैं। पूर्व में हमनें कार्रवाई की थी, कार्रवाई में मिले अवैध कोयले को जब्त कर भट्ठा संचालकों के ही सुपुर्द किया गया था, इस पर हम नजर बनाए हुए हैं।
रमाकांत साहू, थाना प्रभारी राजपुर