अंबिकापुर

मानव तस्करी: ज्यादा मजदूरी का लालच देकर भाई-बहन को ले गए तमिलनाडु, वापस लाने पिता ने गिरवी रखी जमीन, बेटा आईसीयू में है भर्ती

Human Trafficking: पिता ने अपनी जमीन गिरवी रखकर बेटे-बेटी को तमिलनाडु से लाया वापस, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में बेटे का चल रहा इलाज, बेटे ने बताया- सिर्फ काम कराते थे, मजदूरी नहीं देते थे

अंबिकापुरJun 04, 2023 / 05:09 pm

rampravesh vishwakarma

Migrant labourers of Mainpat

अंबिकापुर. Human Trafficking: प्रदेश सरकार मजदूरों को मजदूरी दिलाने हरसंभव कोशिश कर रही है, इसके बावजूद सरगुजा से मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में पलायन नहीं थम रहा है। मजदूरी करने गए मजदूर खुद फंस जा रहे हैं। अन्य राज्य में मजदूरों को बंधक बना लिया जा रहा है या भागकर बिना मजदूरी लिए इन्हें वापस आना पड़ रहा है। एक मजदूर की स्थिति तो ऐसी है कि स्वजनों ने उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया है। इन्हें अधिक मजदूरी का झांसा देकर मानव तस्कर तमिलनाडु ले गए थे, जहां इन्हें बंधक बना लिया गया था। किसी तरह भागकर घर पहुंचे। इस मामले में मानव तस्करों की सक्रियता सामने आई है।

मैनपाट ब्लॉक के बंदना बांसापारा से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। बांसापारा निवासी 20 वर्षीय एक युवक और उसकी नाबालिक बहन अधिक मजदूरी के लालच में तमिलनाडु चले गए थे। तमिलनाडु में अधिक मजदूरी तो नहीं मिली, लेकिन उसकी जान पर बन आई है।
युवक को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मजदूरी करने गए युवक से इतनी मजदूरी कराई गई कि वह बीमार हो गया।

इसकी जानकारी लगने पर किसी तरह युवक का पिता अपनी पुश्तैनी जमीन गिरवी रखकर बेटे-बेटी को वापस तो ले आया लेकिन बीमार बेटे के इलाज के लिए अब वह अस्पताल के चक्कर काट रहा है।
गुमराह करके ले गए तमिलनाडु, सिर्फ देते थे खाना
सरगुजा जिले में मानव तस्कर सक्रिय हैं। जिले के कई इलाकों से तस्कर मजदूरों को अधिक मजदूरी का लालच देकर अन्य राज्य ले जा रहे हैं। जहां मजदूरों को न ही मजदूरी मिल पाती है, न ही घर वापस आने दिया जाता है।
ग्राम बंदना बांसापारा से मांझी आदिवासी परिवार के 25 से अधिक मजदूरों को अधिक मजदूरी का लालच देकर तमिलनाडु ले जाया गया था, जो किसी तरह भाग कर अपने घर पहुंचे हैं। इस संबंध में रामलखन, हिरमोहन का कहना है कि उन्हें झूठ बोलकर तमिलनाडु ले जाया गया था, जहां सिर्फ मजदूरी कराया जाता था।
उनके सारे दस्तावेज छीन लिए गए थे। घर लौटने नहीं दिया जा रहा था। मौका देखकर मजदूर धीरे-धीरे वहां से भागकर घर वापस पहुंचे हैं, वहां मजदूरी के बदले सिर्फ खाना दिया जाता था। मजदूरों ने बताया कि तस्कर के सहयोगी सोनू ने उन्हें कहा था कि तमिलनाडु में अच्छा काम मिलेगा। उसने एक ही मोहल्ले से 25 से अधिक मजदूरों को तमिलनाडु भेजने में वह सहयोग किया था।

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अधिक मजदूरी के लालच में फंसे मजदूर
सरगुजा के कई मजदूर आज भी अन्य राज्यों में अधिक मजदूरी के लालच में फंसे हुए हैं। इसकी जानकारी लगने पर परिवार वालों के फरियाद पर भले ही प्रशासन और पुलिस मिलकर मजदूरों को अन्य राज्य से अपने घर ले आती है लेकिन सक्रिय मानव तस्करों पर कार्यवाही नही कर पाती। ऐसे में तस्करों के हौसले बुलंद हैं। इसका खामियाजा सरगुजा के भोले-भाले मजदूरों को उठाना पड़ रहा है।

मानव तस्करों पर होगी कार्रवाई- एसपी
सरगुजा पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार ने मानव तस्करों पर कार्रवाई की बात कही है। साथ ही कहा है कि कहीं पलायन करने से पहले श्रमिक जांच-परख जरूर करें।

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