निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश द्वारा जेल में निरुद्ध बंदियों के अपीलों की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने बंदी परेड का निरीक्षण कर बंदी द्वारा किए गए अर्ज न्यायालय के समक्ष पेशी पर प्रस्तुत करने, दण्डित बंदियों की अनुशंसा निरस्त होने एवं जमानत स्वीकार बाद पट्टा उपलब्ध न कर पाने के संबंध में मौके पर मौजूद विधिक सेवा के वकील खान व मानव शर्मा तथा जेल कल्याण अधिकारी बानी मुखर्जी को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया।
जेल में संचालित उद्योग में बंदियों द्वारा निर्मित काष्ठकला, बांस शिल्प एवं पिं्रटिंग प्रेस के संचालन का भी उन्होंने अवलोकन किया तथा बेहतर संचालन के निर्देश दिए।
भोजन देखकर जताई संतुष्टि
न्यायाधीश द्वारा जेल की पाकशाला में पकाए जा रहे भोजन का निरीक्षण कर संतुष्टि जाहिर की गई। उनके द्वारा बंदियों के लिए उपलब्ध कराई गई प्रिजन कॉलिंग सिस्टम के संबंध में भी जानकारी ली गई तथा उपलब्ध पुस्तकालय में संकलित पुस्तकों के संग्रह को सार्थक बताया गया।
भोजन देखकर जताई संतुष्टि
न्यायाधीश द्वारा जेल की पाकशाला में पकाए जा रहे भोजन का निरीक्षण कर संतुष्टि जाहिर की गई। उनके द्वारा बंदियों के लिए उपलब्ध कराई गई प्रिजन कॉलिंग सिस्टम के संबंध में भी जानकारी ली गई तथा उपलब्ध पुस्तकालय में संकलित पुस्तकों के संग्रह को सार्थक बताया गया।
ये भी थे साथ
निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड द्वारा जेल की संपूर्ण जानकारी न्यायाधीश को उपलब्ध कराई गई तथा प्रस्तावित भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया गया। इस दौरान पंजीयक दीपक तिवारी, अम्बिकापुर के सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित राठौर, पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, प्रभारी उप जेल अधीक्षक एमजी गोस्वामी, सहायक जेल अधीक्षक हितेन्द्र सिंह ठाकुर सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।