संघ के प्रांतीय महामंत्री अनिल पांडेय ने बताया कि जब से मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई है, लगातार शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए विभागीय नियुक्ति एवं पदोन्नति की जा रही है। इसकी शिकायत स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा लगातार मेडिकल कालेज प्रशासन, कलेक्टर एवं कमिश्नर सरगुजा से की गई, लेकिन किसी भी स्तर से कोई कारगर कार्रवाई नहीं हुई।
ऐसे में मजबूरन हमें मेडिकल कालेज अंबिकापुर में धरना प्रदर्शन करना पड़ा। प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ रमणेश मूर्ति से मिलकर अपनी मांगें रखीं। धरना प्रदर्शन (Health workers protest) में दुर्गेश त्रिपाठी, श्यामाकांत त्रिपाठी, हेमन्त मरावी, मो. अब्दुल ज़ाकिर, मिथलेश यादव, ओंकार पाण्डेय, इंद्रसेन विश्वकर्मा, शैलेंद्र भगत, करिश्मा केरकेट्टा, योगिता ठाकुर, चंद्रकिरण सिन्हा, लक्ष्मी बैरागी, सविता शर्मा, सेबेस्तीया एक्का, सुषमा लकड़ा, ऋषिकेश कुशवाहा, संजय राजवाडे, बालकृष्ण पाठक, प्रमोद पैकरा, भूपेन्द्र साव समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
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मामले में डीन ने बताया कि मेडिकल कालेज प्रशासन के द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के मांगों के संबंध में परीक्षण कर कार्रवाई की जा रही है। 6 मांगों में से 2 मांगों पर कार्रवाई करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन किया गया है। बाकि दूसरे मांगों पर भी परीक्षण करते हुए उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्रवाई की जाएगी। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अगर उपरोक्त संबंध में कालेज प्रशासन के द्वारा संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई तो आगामी 15 दिवस पश्चात् संघ अनिश्चितकालीन आंदोलन हेतु विचार करेगा।