प्रदेश सरकार द्वारा अंबिकापुर के चारों तरफ रिंग रोड निर्माण हेतु मेसर्स श्रीकृष्णा एंड कम्पनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ठेका कम्पनी द्वारा 10.80 किमी रिंग रोड का निर्माण किया जाना है। इसके लिए शासन द्वारा 70.60 crore रुपए का बजट भी आबंटित किया गया है लेकिन ठेकेदार द्वारा रिंग रोड के निर्माण में न तो मानक का ध्यान रखा गया है और न ही इसकी गुणवत्ता का ध्यान रखा गया है।
एक जगह काम खत्म हुआ नहीं और आगे शुरु कर दिया काम
रिंग रोड का काम कर रहे ठेकेदार द्वारा अभी खरसिया चौक के आसपास सड़क का निर्माण पूर्ण किया भी नहीं गया था कि नमनाकला के आसपास गड्ढा खोदकर लोगों की जहमत बढ़ा दी गई है। बारिश का मौसम समीप है और ठेकेदार द्वारा जिस तरह से काम किया जा रहा है। कहीं से नहीं लगता है कि बारिश तक यह काम पूरा हो सकेगा। जबकि 19 जुलाई 2018 तक निर्माण पूर्ण किया जाना है। प्रदेश सरकार के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान रिंग रोड सहित अन्य सड़क एक बड़ी समस्या बनने वाली है।
पाइप लाइन का भी नहीं हुआ काम
रिंग रोड पर पाइप लाइन का काम पीएचई द्वारा किया जा रहा है। लेकिन जिस तरीके से काम किया जा रहा है, उससे काफी कम उम्मीद है कि पाइपलाइन का काम समय पर पूरा हो सकेगा। पाइपलाइन का काम करने वाले ठेकेदार द्वारा काफी धीमी गति से काम किया जा रहा है।
मानक का नहीं रख रहे है ध्यान
विकास का दावा कर रही सरकार को उसके ही अधिकारी-कर्मचारी ठेका कम्पनी के साथ मिलीभगत कर जमकर चूना लगाने में लगे हुए हैं। सरकार की मंशा सड़क निर्माण कर लोगों को राहत पहुंचाने की है लेकिन लोगों की जगह इसका लाभ ठेका कम्पनी को मिलता दिखाई दे रहा है।
आवागमन जारी करने के दिए थे निर्देश
रिंग रोड का काम एक तरफ से जारी रखने के निर्देश देने के बाद प्रोजेक्ट मैनेजर ने ठेकेदार को दूसरी तरफ से आवागमन की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए थे। प्रोजेक्ट मैनेजर ने दूसरी तरफ सड़क का डामरीकरण कर आवागमन शुरू कराने के निर्देश दिए थे। यही निर्देश पूर्व में कलक्टर द्वारा भी दिया गया था लेकिन इसका असर ठेकेदार पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है।
क्रांकीट रोड पर क्यूरिंग भी सही नहीं
रिंग रोड पूरी तरह से क्रांकीट का बनना है। इसके लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार क्यूरिंग भी किया जाना है लेकिन आज तक जिस तरह से क्यूरिंग ठेका कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। कहीं से नहीं लगता है कि ज्यादा दिनों तक रिंग रोड का लाभ लोगों को मिल सकेगा।
कभी-कभी आता हूं मुआयना करने
कभी-कभी हम सड़क का मुआयना करते हैं। मेरे पास और भी प्रोजेक्ट हैं। मै महीने में दो-तीन बार ही आ पाता हूं। हालांकि ठेकेदार को कहा गया है कि वह दूसरी तरफ से आवागमन शुरू कराने की व्यवस्था करे।
व्हीएल चौहान, प्रोजेक्ट मैनेजर