पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा ये जानकारी छत्तीसगढ़ के प्रत्येक किसानों तक पहुंचाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बार-बार यह झूठ बोलते हैं कि किसानों का पूरा धान प्रदेश सरकार खरीदती है, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने अब तक धान खरीदी के लिए प्रदेश सरकार को 74 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया है, जिसकी बदौलत प्रदेश के किसानों का धान खरीदी जा सका।
विष्णुदेव साय ने पूछा कि प्रदेश सरकार यह बताए कि उसने प्रदेश के किसानों को कितना पैसा स्वयं की मद से दिया है? उन्होंने कहा कि प्रदेश की कुल उपज का 82 फीसदी धान चावल के रूप में केंद्र सरकार ही खरीदती है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं यह बात रायपुर की जनसभा में कही थी।
दु:खद तो यह है कि प्रधानमंत्री के कथन को मुख्यमंत्री ने तब झूठा करार दिया था। जो सरकार अंतर की राशि का भुगतान समय पर एकमुश्त नहीं कर सकती, वह किस आधार पर पूरा धान खरीदने का दावा कर रही है।
पत्रवार्ता में वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर, पूर्व सांसद कमलभान सिंह, जिला उपाध्यक्ष प्रशांत त्रिपाठी, जिला महामंत्री अभिमन्यु गुप्ता, निगम के पूर्व सभापति त्रिलोक कपूर कुशवाहा, मधुसूदन शुक्ला, संतोष दास, रूपेश दुबे सहित अन्य मौजूद थे।
किसानों को गुमराह कर रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि कांग्रेस सरकार समर्थन मूल्य के मुद्दे पर झूठ बोल कर किसानों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस ने प्रति क्विंटल धान की कीमत 2500 रुपए देने का वादा तब किया था, जब समर्थन मूल्य 1750 रुपए प्रति क्विंटल था। तब कांग्रेस की सरकार को किसानों को प्रति क्विंटल धान की खरीदी पर 750 रुपए का बोनस देना था लेकिन कांग्रेस की सरकार ने चालबाजी करते हुए उन्हें अंतर की यह राशि नहीं दी।
अब धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2184 रुपए है। इसमें 750 रुपए जोडक़र इस सरकार को प्रति क्विंटल धान की खरीदी पर किसानों को लगभग 3000 रुपए देना चाहिए। केंद्र सरकार किसानों के 20 क्विंटल धान खरीदने पर सहमत हो गई है और इसमें प्रदेश सरकार का कोई रोल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 40.78 लाख किसानों में से सिर्फ 22 लाख किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि पहुंच रही है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार दोषी बताया।