कलेक्टर सरगुजा द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि राजस्व मंडल छग बिलासपुर को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत कूटरचित आदेशों की प्रमाणिकता जांचने प्रेषित किया गया था, जिसकी जांच मंडल द्वारा की गई है।
जांच उपरांत जानकारी प्राप्त हुई कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आदेशों तथा इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों में भिन्नता स्पष्ट रूप से पाई गई है। इससे स्पष्ट है कि आवेदक द्वारा राजस्व मंडल छग बिलासपुर (Forgery in Revenue Board order) के आदेशों में कूटरचना कर प्रस्तुत किया गया है, जो गंभीर आपराधिक कृत्य है।
कलेक्टर सरगुजा ने पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि सभी आवेदकों जिन्होंने तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालय में राजस्व मंडल छग बिलासपुर के कूटरचित आदेशों को प्रस्तुत कर इसका क्रियान्वयन कराने बाबत आवेदन प्रस्तुत किया है, इनके विरुद्ध संबंधित थाने में तत्काल एफआईआर दर्ज करवाएं और सूचित भी करें।
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Forgery in Revenue Board order: इन प्रकरणों में हुई कूटरचना
कूटरचना (Forgery in Revenue Board order) करने वालों में तहसीलदार अंबिकापुर के समक्ष आवेदक अशोक अग्रवाल निवासी मायापुर अंबिकापुर, नईमुद्दीन फिरदौसी निवासी अंबिकापुर, मो. इकबाल निवासी नवागढ़, मीना गुप्ता निवासी मायापुर अंबिकापुर का प्रकरण शामिल हैं। नायब तहसीलदार अंबिकापुर-2 के समक्ष आवेदक रंदीप सिंह निवासी कांति प्रकाशपुर और मो. फारूख निवासी मानिक प्रकाशपुर व तहसीलदार बतौली के समक्ष अब्दुल रज्जाक का प्रकरण शामिल है। सभी प्रकरणों में राजस्व मंडल द्वारा संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।