20 दिन तक यह कहकर बच्चे को उससे दूर रखा गया कि उसका इलाज चल रहा है। इसके बाद कहा कि बच्चा मर गया। हमने उसे दफना दिया है। युवती ने बच्चे को मार डालने (Forcibly abortion) का आरोप लगाते हुए एसपी से मृत बच्चे को दिलाने की मांग की है ताकि वह उसका रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर सके। मामले में पुलिस ने चारों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
पीडि़ता ने पुलिस को बताया है कि ग्राम मलगवां खुर्द के पूर्व उपसरपंच कृष्णा यादव, संतोष यादव एवं पार्वती यादव के परिवार के सदस्य मनीष यादव ने शादी का झांसा देकर 17 सितंबर 2022 से लगातार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इस कारण वह 8 माह की गर्भवती हो (Forcibly abortion) गई थी।
इसकी जानकारी आरोपी युवक के मामा सहित अन्य को हुई तो उनके द्वारा लगातार गर्भपात कराने दबाव बनाया जा रहा था। आरोप है कि उपसरपंच सहित अन्य उसे किराए के मकान से निकलने नहीं देते थे और गर्भ में पल रहे शिशु को नहीं रखने पर ही उसका विवाह मनीष यादव से कराने का झांसा देने में लगे थे।
इसके बाद गर्भवती युवती (Forcibly abortion) को अंधेरे में रखकर वे मनीष यादव का विवाह अन्यत्र करा दिए। इस संबंध में जब उसे पता चला तो उसने आपत्ति की थी।
Forcibly abortion: सोनाग्राफी कराने के बहाने ले गए अस्पताल
युवती ने आरोप लगाया है कि पूर्व उपसरपंच कृष्णा यादव, संतोष यादव एवं पार्वती यादव 1 जुलाई को सुबह 8 बजे सोनोग्राफी कराने के बहाने उसे अपने साथ लेकर गए और इधर-उधर दिन भर घुमाते रहे। बाद में दोपहर 1 बजे उसे अपने घर में ले गए और गर्भपात (Forcibly abortion) की 3 गोली खाने कहा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने गर्भपात की गोली खाने पर समय पर आसानी से बच्चा होने की बात कही है।
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जबरन गोलियां खिलाकर पिला दिया स्प्राइट
युवती ने बताया कि वह गर्भपात की गोली (Forcibly abortion) खाने से मना करती रही लेकिन सभी ने उससे जोर जबरदस्ती की, इस वजह से लाचार हो गई। इस दौरान संतोष यादव ने गर्भपात की 3 गोलियां उसके मुंह में रख दी और पूर्व उपसरपंच कृष्णा यादव ने स्प्राइट पिला दिया। इसके बाद गुड्डी ने उसे पानी पिलाया। फिर उन्होंने कहा कि आज सोनोग्राफी नहीं होगा, वह सो जाए। इसके बाद वह इनके मकान मलगवां खुर्द में रात भर रही। रात भर पेट में काफी दर्द हुआ और सुबह प्रसव हो गया। युवती का कहना है कि वह बच्चे को हिलते-डुलते देखी थी, परंतु दर्द से अचेत हो गई।
बच्चे के आईसीयू में भर्ती होने की दी जानकारी
आरोपियों द्वारा मोबाइल फोन में नवजात की फोटो भी खींची गई थी और बच्चे को वेंटीलेटर में रखने की बात कहकर उपसरपंच सहित तीनों नवजात शिशु (Forcibly abortion) को लेकर चले गए। इधर जंगली-जड़ी-बूटी से चल रहे इलाज की वजह से वह मरने के कगार पर पहुंच गई थी। इस बीच पूर्व उपसरपंच और उसके परिवार वाले बच्चे के स्वस्थ होने की जानकारी उसे देते रहे। इस आधार पर ही उसने भी अपने परिजन को बच्चे का इलाज चलने की जानकारी दी थी।
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20 दिन बाद कहा कि बच्चा मर गया
युवती ने शिकायत पत्र में बताया है कि 20 दिन बाद जब वह स्वस्थ हुई और बच्चे के बारे में पूछी तो सभी ने अचानक बच्चे के मर जाने और उसे दफना देने की बात कही। युवती ने पुलिस से आग्रह किया है कि यदि उसका नवजात पुत्र मर गया है तो उसका शव दिलाया जाए ताकि वह उसका रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर सके। युवती ने जबरन गर्भपात (Forcibly abortion) कराने और नवजात शिशु को बिना बताए कहीं ले जाकर मार देने का भी आरोप लगाया है। पीडि़ता की रिपोर्ट पर कोातवाली पुलिस ने आरोपी पूर्व उपसरपंच कृष्णा यादव, संतोष यादव एवं पार्वती यादव, मनीष यादव के खिलाफ धारा 3(5), 89, 94 बीएनएस का अपराध दर्ज कर लिया है।