अंबिकापुर

Encroachment: महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण करने वाले 182 लोगों को मिला नोटिस, 24 घंटे में हटाने का अल्टीमेटम, मचा हडक़ंप

Encroachment: भाजपा नेता आलोक दुबे ने उठाया था महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा, वन मंत्री ने संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में अतिक्रमण खाली नहीं कराने पर डीएफओ को लगाई थी फटकार

अंबिकापुरJan 18, 2025 / 09:10 pm

rampravesh vishwakarma

House in Mahamaya pahad

अंबिकापुर. शहर के महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण (Encroachment) का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। शुक्रवार को वन विभाग ने 182 लोगों को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने कहा है। विभाग ने इसके लिए 24 घंटे का समय दिया है। नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप है। महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने महामाया पहाड़ पर अवैध अतिक्रमण किए जाने का मुद्दा उठाया था। मामले की जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की पुष्टि हुई थी। वहीं 60 अतिक्रमणकारियों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन वोट बैंक की राजनीतिक के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया था।
मां महामाया मंदिर के ऊपर महामाया पहाड़ (Encroachment) है। यहां स्थानीय व बाहरी लोगों द्वारा पिछले कुछ सालों से अतिक्रमण किया गया है। खैरबार, बधियाचुआं और नवागढ़ इलाके से लगे इस वन क्षेत्र में वर्षों से अवैध कब्जे की शिकायत पर वर्ष 2017 में जांच के बाद 60 कब्जाधारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया था।
Notice pasted in house
लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। वर्ष 2017 के बाद यहां अतिक्रमण और तेजी से बढ़ गया। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने एक बार फिर अतिक्रमण (Encroachment) का मामला उठाया था। शिकायत पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराई थी। जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की बात सामने आई थी।
वहीं विभाग ने 60 लोगों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया था। इनका अतिक्रमण हटाने वन विभाग द्वारा फोर्स की मांग की गई थी, लेकिन राजनीतिक दबाव भारी पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद भी आलोक दुबे ने मां महामया पहाड़ पर अतिक्रमण (Encroachment) की शिकात मुख्यमंत्री के समक्ष की थी।
Encroachment
People who encroached

वन मंत्री के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज

15 जनवरी को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्याम सरगुजा प्रवास पर थे। वन मंत्री ने वन विभाग के संभागीय बैठक ली थी। बैठक में डीएफओ से महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण (Encroachment) खाली नहीं कराए जाने की बात पूछी।
इस पर मंत्री ने डीएफोओ को कड़ी फटकार भी लगाई थी। मंत्री ने हर हाल में 60 घरों को तोडऩे के निर्देश डीएफओ को दिए थे। उन्होंने इसके लिए डीएफओ को अपै्रल तक का समय दिया है।
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Encroachment: नोटिस से अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप

वन मंत्री के कड़ी फटकार व अल्टीमेटम के बाद वन विभाग हरकत में आया। निर्देश के दूसरे दिन ही वनमंडलाधिकारी ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाते हुए खाली करने के निर्देश (Encroachment) दिए हैं। वनमंडलाधिकारी ने 182 लोगों को नोटिस दिया है। इसके लिए विभाग ने 24 घंटे का समय दिया है। वहीं नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप है।
Encroachment
Encroachment holders with Congress leader

पहले चरण में तोड़े जाएंगे 60 मकान

60 ऐसे अतिक्रमणकारी (Encroachment) हैं जिन्हें बेदखली का नोटिस वर्ष 2022 में दिया गया था। ये सभी अपने बचाव में हाईकोर्ट तक भी गए थे। लेकिन हाईकोर्ट से भी इन्हें राहत नहीं मिली थी। वहीं पहले चरण में इन 60 घरों को तोड़ा जाएगा। सूत्रों के अनुसार 3 दिन के अंदर विभाग द्वारा इनका अतिक्रमण खाली करा दिया जाएगा।
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Encroachment: सर्वे में मिले 468 कब्जाधारी

महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण (Encroachment) को लेकर भाजपा नेता आलोक दुबे की शिकायत पर तत्कालीन डीएफओ सरगुजा वनमंडल ने महामाया पहाड़ का सर्वे कराया था। सर्वे में कक्ष क्रमांक 2581 और 2582 में कुल 468 लोगों का अवैध कब्जा पाया गया था। उन्हें भी नोटिस जारी किया गया था।
Encroachment
Notice

मेरे द्वारा उठाया गया था मामला

भाजपा नेता आलोक दुबे का कहना है कि महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण (Encroachment) का मामला मेरे द्वारा उठाया गया था। जांच में 468 लोगों द्वारा अवैध कब्जा किए जाने की पुष्टि हुई थी।
वहीं 60 लोगों को बेदखली का नोटिस भी दिया गया था। वर्ष 2022 में वन विभाग अतिक्रमण हटाने कलेक्टर को पत्र लिखकर फोर्स की मांग की थी। पर उस समय कांग्रेस की सरकार होने के कारण अतिक्रमण नहीं हट पाया था।
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आनन-फानन में दिया गया नोटिस

कांग्रेसी नेता शफी अहमद का कहना है कि विभाग द्वारा आनन-फानन में नोटिस दिया गया है। लोगों को 24 घंटे का समय दिया गया है। यह उचित नहीं है। कई लोग ऐसे हैं जो निजी भूमि (Encroachment) पर काबिज हैं उन्हें भी नोटिस दे दिया गया है। नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। बेदखल होने वालों की बद्दुआ लगेगी।

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