जिले के अलग-अलग इलाकों में हाथियों का कई दल विचरण कर रहा है। अंबिकापुर शहर के समीप के क्षेत्रों में ३३ हाथियों का दल पिछले एक सप्ताह से डेरा जमाए हुए है। वहीं वन परिक्षेत्र उदयपुर में 9 हाथियों के दल ने विगत 11 दिसंबर से उत्पात मचा रखा है।
उदयपुर वन परिक्षेत्र के पतरापारा में गुरुवार की देर रात हाथियों ने एक अज्ञात व्यक्ति पर हमला कर मार डाला। उसकी लाश क्षत-विक्षत हालत में पाई गई। इस वजह से उसकी पहचान नहीं हो पा रही है। वहीं घटना स्थल के आसपास के लोग हाथियों के डर से रात में घर खाली करके सुरक्षित स्थान पर चले गए थे।
हाथियों द्वारा अज्ञात व्यक्ति पर हमला किए जाने की घटना रात करीब 11 से 12 बजे के बीच की बताई जा रही है। फिलहाल वन विभाग शव को उदयपुर अस्पताल के मरच्यूरी में रखवाकर उसकी शिनाख्ती की कोशिश कर रहा है।
वहीं बतौली वन परिक्षेत्र के ग्राम कछारडीह निवासी शिवचरण कोरवा पिता लाथू कोरवा उम्र 40 वर्ष पर गुरुवार की शाम हाथी ने कुचलकर मार डाला। उसका शव भी क्षत-विक्षत हालत में पाया गया है।
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शाम होते ही घर छोड़ देते हैं लोगहाथियों के डर से लोग घर में रहना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। शाम होते ही लोग अपने-अपने घरों को छोडक़र सुरक्षित स्थान पर चले जाते हैं। हाथियों द्वारा घरों को क्षतिग्रस्त किए जाने से लोग कडक़ड़ती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को विवश हैं। वहीं पुरुष सदस्य पूरी रात अलाव जलाकर हाथियों से अपने परिवार की निगरानी बनाए रहते हैं।
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ग्रामीणों के फसल व घरों को भी पहुंचा रहे नुकसानवन परिक्षेत्र उदयपुर में 9 हाथियों के दल ने विगत 11 दिसम्बर से उत्पात मचा रखा है। कुछ दिन पूर्व हाथियों ने ग्राम जजगी के 4 किसानों के घर एवं फसल को नुकसान पहुंचाया है।
ग्राम फुनगी एवं रामनगर बेवरापारा निवासी नंदू पंडो का मकान, मानकुंवर पंडो का नल-जल स्टैंड पोस्ट, प्रीतम सिंह का मकान, पनेश्वर मुनेश्वर, दयाराम, धन साय की आलू की फसल, मांझी राम का गेहंू, कार्तिक राम की सरसों की फसल तथा रविंद्र की गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया।
वन अमले द्वारा नुकसान का जायजा लेकर मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है। हाथियों के आक्रामक रूख से ग्रामीण दहशत में जीवन जीने को विवश हंै।
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शहर के पास डटा है 33 हाथियों का दल पिछले एक सप्ताह से शहर के समीप के क्षेत्रों में 33 हाथियों का दल डटा हुआ है। बुधवार की रात लुण्ड्रा व अंबिकापुर वन क्षेत्र के बॉर्डर पर स्थित परसा भकुरा के पास डटे रहने के बाद गुरुवार की दोपहर सीआरपीएफ कैंप केपी अजिरमा की पहुंच गए थे।
बताया जा रहा है कि 33 हाथी 3 दल में बंट चुके हैं। हाथियों की निगरानी के लिए वन व पुलिस बल द्वारा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में प्वाइंट लगाए गए हैं।