गज आतंक से ये हुए प्रभावित
ग्राम बरिमा में 9 हाथियों के दल ने 13 घरों को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। बुधवार की रात हाथियों ने ग्राम बरिमा के मतियस पिता मगरू, लनिस पिता मतियस, अवधेश पिता विश्वनाथ, शीतल पिता बुधराम, सांझू पिता बुधराम, नईहरसाय पिता सांझू, केंदा पिता मते, नानसाय पिता पगला, इन्द्रदेवा पिता सुखदेव, केतका पिता मते, मंत्री पिता रामेश्वर धोबी, नंदलाल पिता हरिराम व संतोष पिता मगरू के घर को तोड़ डाला। एक झोपड़ी को भी पूरी तरह से तोड़ डाला। इसके अलावा बारिश के मौसम के लिए घरों में सुरक्षित रखे लगभग 8.50 क्ंिवटल धान को चट कर दिया।
सिर से छीन गया आशियाना
हाथियों की उत्पात के वजह से ग्राम बरिमा में 14 परिवार के सिर से आशियाना छीन गया है। अब उनके सामने यह समस्या खड़ी हो गई है कि बारिश के दौरान वे कृषि कार्य करें या मकान का पुन: निर्माण करें। अभी तक इन ग्रामीणों को सुरक्षित अन्य जगहों पर ठहरने के लिए वन विभाग ने कोई जगह भी नहीं दी है।
सिर्फ मुआवजा वितरण तक जिम्मेदारी
कंडराजा में हाथियों के उत्पात से पूरा गांव उजड़ जाने के बाद जिला प्रशासन के दखल पर वहां की बस्ती के लोगों को अन्य जगह पक्के मकान में शिफ्ट किया गया। लेकिन वन विभाग के अधिकारी कभी इस दिशा में पहल करने की नहीं सोचते हैं। सिर्फ उनके द्वारा हाथियों के नुकसान पहुंचाने पर मुआवजा देने की बात की जाती है और इस संबंध में प्रकरण भी चलाया जाता है।