अंबिकापुर/मैनपाट. मैनपाट के बरिमा में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार की रात ११ हाथियों ने यहां जमकर उत्पात मचाते हुए ९ ग्रामीणों के घर को तहस-नहस कर दिया। वहीं रविवार की रात भी उन्होंने 4 घरों को तोड़ डाला। इसके साथ ही घर के भीतर रखा सारा अनाज भी चट कर गए। बारिश का मौसम सिर पर है।
प्री मानसून की बारिश हो भी रही है, ऐसे में हाथियों के उत्पात से बेघर हुए ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गज आतंक की सूचना मिलने पर दोनों दिन प्रशासन व वन विभाग के अधिकारियों ने गांव में पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया।
गौरतलब है कि मैनपाट के ग्राम बरिमा के जंगल में कई दिनों से भ्रमण कर रहा 11 हाथियों का दल आए दिन उत्पात मचा रहा है। इससे ग्रामीणों में काफी दहशत है, वे जान-माल की रक्षा करने रतजगा करने को मजबूर हैं। कुछ दिनों पूर्व ही हाथियों ने ग्राम बरिमा में एक दर्जन से अधिक घरों को तोड़ दिया था। शनिवार की रात भी हाथियों का दल बरिमा बस्ती में घुस गया।
यहां हाथियों ने 9 ग्रामीणों के घरों को तोड़ डाला। जिन ग्रामीणों का हाथियों द्वारा घर ढहाया गया, उनमें हीरा मांझी पिता बिहानु, मंगरु पिता रुरहा मांझी, शीतल पिता बुधराम, कन्हैया यादव पिता प्राणनाथ, शुक्ला मांझी, रामचंद्र, गंगा राम, झबरी व रमेशर शामिल हैं। इसके अलावा घर के भीतर रखा सारा अनाज भी चट कर गए।
हाथियों के उत्पात से ग्रामीण पूरी रात दहशत में रहे। सुबह होते ही हाथियों का दल जंगल की ओर चला गया। गज आतंक की सूचना मिलने पर रविवार की सुबह एसडीएम अतुल शेटे, तहसीलदार आरएस वर्मा व वन विभाग के अफसर गांव में पहुंचे।
अधिकारियों ने प्रभावितों से मुलाकात कर नुकसान का जायजा लिया। वन विभाग द्वारा नुकसान का प्रकरण तैयार किया जा रहा है ताकि प्रभावितों को मुआवजा दिया जा सके। अभी भी हाथियों का दल बरिमा से लगे जंगल में ही डेरा जमाए हुए है।
फिर तोड़े 5 घर मैनपाट में पखवाड़ेभर से हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। इधर वन विभाग इनके सामने असहाय हो गया है। १३ जून की रात हाथियों ने ग्राम बरिमा में १३ घरों को तोड़ दिया था। फिर 23 जून की रात भी हाथियों का दल बरिमा बस्ती में घुस गया। यहां हाथियों ने ९ ग्रामीणों के घर को तोड़ दिया। अंदर रखा सारा अनाज भी चट कर गए।
ग्रामीण इससे उबरे नहीं थे कि रविवार की रात फिर हाथियों का दल बस्ती में घुस आया। हाथियों के आने की सूचना मिलते ही पूरा गांव बाहर निकल आया। यहां हाथियों ने परबल, मुन्नी, कांदु, भुनेश्वर व दलवीर का घर तोड़ दिया। वन अमला सुबह गांव में पहुंचा और नुकसान का जायजा लिया।
Hindi News / Ambikapur / प्री-मानसून की बारिश के बीच छत्तीसगढ़ के शिमला में हाथियों का कहर, 2 दिन में उजाड़े 13 घर