गौरतलब है कि जशपुर जिले से 2 हाथियों का दल अपने एक शावक के साथ सरगुजा में घुस कर उत्पात मचा रहा है। बतौली और लुंड्रा वन परिक्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद पिछले 2 दिन से तीनों हाथियों ने अंबिकापुर वनमंडल क्षेत्र में उत्पात मचाया। गुरुवार की रात को अपने पति के साथ खेत में मक्के की फसल की रखवाली कर रही एक महिला को हाथी ने कुचलकर मार डाला था।
उसकी मक्के की फसल को भी हाथियों ने रौंद दिया था। इस घटना के बाद हाथियों ने शुक्रवार को ग्राम परसा में भी उत्पात मचाया। ग्राम परसा निवासी धरमपाल विश्वकर्मा अपने 9 वर्षीय पुत्र के साथ शुक्रवार की शाम को घर में था। इसी दौरान एक हाथी उसके दरवाजे के सामने आ गया। हाथी को देख कर दोनों डर गए।
भागने की कोशिश की पर घर के सामने दरवाजे पर खड़े हाथी को देख कर हिम्मत नहीं कर पाए। इसके बाद हाथी ने घर की दीवार को ढहा दिया। इस दौरान धरमपाल ने अपने बेटे को कंधे पर लेकर भागने की कोशश की। जैसे ही घर से बाहर निकाला हाथी ने सुंड से लपेटने की कोशश की। हाथी के सूंड के हमले से बेटा जख्मी हो गया और कुछ दूर जा गिरा। वह घायलावस्था में चिल्लाते हुए भागने लगा।
चिल्लाने की आवाज सुनकर वन अमला सायरन बजाते हुए पहुंचा और हाथी को भगाया। इस दौरान पिता को भी हाथी ने सूंड से उठाकर फेंक दिया। वन विभाग की टीम ने पिता-पुत्र दोनों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया है।
यह भी पढ़ें मचान पर चढक़र फसल की रखवाली कर रहा था दंपती, जान बचाने नीचे उतरी पत्नी को मिली मौत
बलरामपुर की ओर निकल गए हाथी
वन परिक्षेत्र अधिकारी गजेंद्र दोहरे ने बताया कि पिता-पुत्र पर हमला करने के बाद तीनों हाथी बलरामपुर जिले की ओर निकल गए हैं। वहीं ग्रामीणों को रात में घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। ग्रामीणों के बीच टॉर्च का वितरण किया गया है, ताकि रात में ग्रामीण घर से बाहर निकले तो टॉर्च की रोशनी में निकले।
दी गई सहायता राशि
हाथी के हमले में घायल पिता-पुत्र को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वन परिक्षेत्र अधिकारी गजेंद्र दोहरे ने बताया कि दोनों की स्थिति ठीक है। दोनों का इलाज चल रहा है। विभाग की ओर से ३ हजार रुपए की सहायता राशि वितरण किया गया है।