वहीं वन विभाग द्वारा घटनास्थल पर शव का पंचनामा नहीं किए जाने से नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह अंबिकापुर मार्ग पर चक्काजाम करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाइश देकर मामला शांत करा दिया। मृतका के परिजनों को 25 हजार की तात्कालिक सहायता राशि दी गई है।
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिंघरा निवासी 55 वर्षीय केवली बाई पति धनीराम गोंड़ सोमवार की शाम लगभग ६ बजे गांव में जंगल के किनारे अपने खेत में रोपा लगाने के बाद अपने घर वापस जा रही थी। दूसरी तरफ प्यारे हाथी शाम को गांव की ओर आ गया था और ग्रामीण उसे जंगल की ओर भगा रहे थे।
इसके बाद वह गांव से जंगल की ओर जा रहा था और इसी दौरान महिला उसके सामने आ गई। महिला ने भागने की कोशिश की लेकिन हाथी ने दौड़ाकर पकड़ा और पटक कर उसकी जान ले ली। इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन बिना पंचनामा किए ही शव को पीएम के लिए प्रतापपुर अस्पताल भेज दिया।
घटनास्थल पर वन विभाग द्वारा शव का पंचनामा नहीं किए जाने से नाराज ग्रामीण मंगलवार की सुबह अंबिकापुर मार्ग पर ग्राम गोटगवां में चक्काजाम की तैयारी करने लगे। इसकी सूचना मिलने पर एसडीओपी राकेश पाटनवार, एसडीओ मनोज विश्वकर्मा, रेंजर सीपी मिश्रा, थाना प्रभारी विकेश तिवारी, डिप्टी रेंजर कमला यादव, इंद्रजीत सिंह व अन्य मौके पर पहुंचे।
इस दौरान कांग्रेस नेता नवीन जायसवाल ने अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने किस नियम के तहत बिना पंचनामा के शव को घटनास्थल से उठाया। पंचनामा घटनास्थल पर होना था लेकिन इसे प्रतापपुर में कैसे कराया गया।
अधिकारियों ने हाथी का डर व अन्य परेशानियां बताई जिसके बाद ग्रामीणों ने स्थिति को समझ आंदोलन स्थगित किया। इसके बाद पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। मृतका के परिजनों को २५ हजार की तात्कालिक सहायता राशि दी गई।
सोलर फेंसिंग न लगाने से आक्रोश
प्यारे हाथी इससे पूर्व भी दरहोरा व पकनी में दो लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि सिंघरा व आसपास के गांव हाथियों के मामले में सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं और यहां कई मौत हो चुकी है। ग्रामीण सुरक्षा के मद्देनजर कई बार सोलर फेंसिंग से घेराव की मांग कर चुके हैं, वन विभाग के अधिकारी कई बार आश्वासन भी दे चुके हैं लेकिन उनके द्वारा यह काम नहीं कराया जा रहा है जिसे लेकर भी उनमें आक्रेश है।
प्यारे हाथी के मूवमेंट की नहीं लगी भनक
प्यारे हाथी का दल लंबे समय से जजावल क्षेत्र में विचरण कर रहा था, जो घुई वन परिक्षेत्र में आता है। लेकिन रविवार को प्यारे हाथी प्रतापपुर के सरहरी क्षेत्र के आसपास आ गया व वन अमले को इसकी भनक तक नहीं लगी। प्यारे हाथी घंटों सरहरी के आसपास था, फिर वह सिंघरा पहुंच गया, लेकिन इसकी जानकारी वन अमले को नहीं लगी। अब इसी से वन अमले की कार्यप्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है।