दरअसल हाथी की चिंघाड़ सुनकर तीनों भागने लगे, इसी बीच बुुजुर्ग चरवाहा हाथी की चपेट में आ गया। घटना सोमवार की शाम की है। वन विभाग ने भी हाथी द्वारा ग्रामीण को मारे जाने की पुष्टि कर दी है।
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का दल (Elephants) भ्रमण कर रहा है। इधर सोमवार की सुबह ग्राम सिंघरा निवासी बिहारी पिता रतन 60 वर्ष गांव के 2 अन्य लोगों के साथ मवेशी चराने करंजवार जंगल में गया था।
शाम को सभी घर लौटने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच अचानक हाथी के चिंघाडऩे की आवाज सुनकर तीनों भागने लगे। इसी बीच बिहारी हाथी के सामने आ गया। इस बीच हाथी ने सूंड से उठाकर उसे जमीन पर पटक दिया और कुचलकर मार (Elephant killed villager) डाला। इधर जान बचाकर गांव पहुंचे दोनों ग्रामीणों ने इसकी सूचना गांव वालों को दी। गांव वालों की सूचना पर वन विभाग की टीम जंगल के पास पहुंची।
शव के पास ही देर शाम तक डटा है हाथी
वन विभाग की टीम जब करंजवार जंगल (Forest) में पहुंची तो पता चला कि हाथी ग्रामीण के शव के पास ही विचरण कर रहा है। इससे किसी की हिम्मत वहां जाने की नहीं हुई।
शाम 7.30 बजे तक ग्रामीण के शव को बरामद नहीं किया जा सका था। इधर ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि वन विभाग द्वारा उन्हें समय पर हाथी के जंगल में भ्रमण की सूचना नहीं दी जाती है।