गौरतलब है कि पीब्ल्यूडी बलरामपुर-रामानुजगंज के ईई एसके गुप्ता ने रामानुजगंज स्थित अपने शासकीय बंगले में एक बड़ा कमरा, वॉशरूम व अन्य कंस्ट्रक्शन कराए हैं। इसके लिए विभागीय परमिशन भी नहीं ली गई है। बताया जा रहा है कि ये काम मे. दुबे कंस्ट्रक्शन कर रहा है। जबकि इस काम के लिए पीडब्ल्यूडी से कोई परमिशन नहीं ली गई है।
वहीं मेसर्स दुबे कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म का जिक्र करते हुए ईई संतोष कुमार गुप्ता ने एक अनुबंध (18/डीएल/23-24) किया है। यह ऑर्डिनरी मेंटेंनेंस का काम है। इसके लिए एमबी (मेजरमेंट बुक) नंबर 3565 को रिकॉर्ड किया गया है। इसमें काम को पूर्ण बताकर 13 लाख 25 हजार 343 रुपए के भुगतान की मांग की गई है।
इस मामले में पत्रिका ने 10 अप्रैल को अपने अंक में ‘बेलगाम ईई, एमबी नंबर 3565 में किया 13 लाख 25 हजार का खेल’ शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। मामले में पीडब्ल्यूडी एसई एसके संत ने कहा था कि ईई कंटीजेंसी मद से राशि की मांग कर रहे हैं, जिसका परमिशन दे पाना संभव नहीं है।
ई इन सी के सामने लगे ईई हटाओ के नारे
10 अप्रैल को इंजीनियर इन चीफ बलरामपुर दौरे पर थे। सामरी में क्षेत्र के काफी संख्या में लोग उनसे मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ‘ईई गुप्ता हटाओ-पीडब्ल्यूडी बचाओ,’ ‘भ्रष्टाचारी को हटाओ-पीडब्ल्यूडी बचाओ’ जैसे नारे लगाए। इस दौरान उन्होंने ई इन सी को एक ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में उन्होंने बताया कि बलरामपुर-रामानुजगंज ईई एसके गुप्ता की लापरवाही के कारण कुसमी-सामरी मुख्य मार्ग का निर्माण शुरु नहीं हो पाया है, जबकि इसकी स्वीकृति वर्ष 2021-22 में ही मिल चुकी है। इस मार्ग की लागत 33 करोड़ 10 लाख तथा प्रशासकीय स्वीकृति 28 करोड़ 56 लाख है।
उन्होंने बताया कि इस मार्ग से होकर ही हिंडालको से काफी संख्या में ट्रकों में बॉक्साइट ले जाया जाता है। सडक़ नहीं बनने से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, इसमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
उन्होंने बलरामपुर ईई को हटाने की मांग की है। इस दौरान कुसमी के पूर्व जनपद उपाध्यक्ष जन्मजय सिंह ने कहा कि यदि जल्द ही सडक़ निर्माण कार्य शुरु नहीं किया जाता है तो वे सडक़ पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
मामले की कराऊंगा जांच
मैंने पत्रिका की खबर पढ़ी है। मामला गंभीर है। मेरे संज्ञान में है। जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा।
केके पिपरी, इंजीनियर इन चीफ छत्तीसगढ़