एक ई-बॉल को बनाने में 2 रुपए की लागत आती है। डॉ. प्रशांत ने बताया कि ई-बॉल से तालाब व नालियों की सफाई के अलावा जाम नालियां भी साफ हो जाती हैं। गौरतलब है कि जब नालियां जाम होती हैं तो ऑक्सीजन की कमी से उसमें दुर्गंध उठने लगता है। ई-बॉल को डालने के बाद इससे निजात मिल जाता है।
खजुराहो के सरकारी महकमें द्वारा ई-बॉल से इन दिनों तालाबों व नालियों की साफ-सफाई करा रहे हैं। इधर जी-20 सम्मिट में शामिल होने विदेशी मेहमान भारत आ रहे हैं। फरवरी के प्रथम सप्ताह में खजुराहो में भी वे संस्कृति कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान वे वहां के तालाबों व नालियों को भी देखेंगे।
ई-बॉल लाभदायक बैक्टीरिया और फंगस का मिश्रण है। इसमें मुख्य रूप से टी-64 और एलबी-2 बैक्टीरिया का उपयोग किया गया है। यह मिश्रण हर पीएच और 45 डिग्री तापमान पर भी सक्रिय होकर काम कर सकता है। ई-बॉल में मौजूद लाभदायक सूक्ष्मजीव नाली या तालाब के गंदे पानी में जाते ही वहां के ऑर्गेनिक वेस्ट से पोषण लेना चालू कर अपनी संख्या में तेजी से वृद्धि करते हैं तथा पानी को साफ करने लगते हैं।
हां, हमारे पास ई-बॉल की डिमांड आई है, हमने उसे तैयार कर भेज दिया है, जिसका खजुराहो एवं जोधपुर के तालाबों एवं नालियों में इस्तेमाल किया जा रहा है। खजुराहो में जी-20 सम्मिट कुछ ही दिनों में होना है।
डॉ. प्रशांत शर्मा, वैज्ञानिक, बायोटेक पार्क अंबिकापुर