शहर के देवीगंज रोड निवासी सभ्या गुप्ता पिता प्रकाश गुप्ता 32 वर्ष (Dowry torture) का विवाह वर्ष 2018 में दिल्ली के नजफगढ़ निवासी शेखर गुप्ता पिता मिथिलेश गुप्ता के साथ सामाजिक रीति-रिवाज से हुआ था।
शेखर गुप्ता आर्मी में मेजर के पद पर हरियाणा के मानेसर में पदस्थ था। विवाह के बाद वह ससुराल गई। ससुराल में पति के अलावा सास माया गुप्ता, ससुर मिथिलेश गुप्ता, ननद प्रीति गुप्ता व नन्दोई ऋषि गुप्ता साथ में रहते थे।
पिता ने कार, कैश समेत लाखों के दिए थे जेवर
विवाह दौरान पिता ने दहेज (Dowry torture) में कार, जेवर, चांदी के बर्तन, सोफा, पलंग, वाशिंग मशीन, टीव्ही सहित अन्य घरेलू सामान व तिलक में नगद 2 लाख 11 हजार रुपये, सोने की चेन, अंगूठी, ब्रेसलेट, ससुर व नन्दोई को सोने की अंगूठी, सास व ननद को सोने के टाप्स व अंगूठी दिए थे। इसके बाद भी ससुराल पक्ष संतुष्ट नहीं था। यह भी पढ़ें
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फ्लैट खरीदने के लिए मांगे गए थे 35 लाख
ससुराल में रहने के दौरान ही विवाहिता के पति व ससुर ने फ्लैट खरीदने के लिए 35 लाख रुपए की मांग की। इस पर उसके पिता ने 9 लाख 70 हजार रुपए दिए। फिर भी दहेज लोभियों द्वारा प्रताडऩा (Dowry torture) कम नहीं हुई। यही नहीं, ननद व उसके पति ने विवाहिता को कमरे में बंद कर सादे कागज पर यह लिखवाकर दस्तखत कराया कि उसे कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार ससुराल पक्ष के लोग नहीं होंगे।
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