इससे नाराज बाहर से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने काम छोड़कर जाने की चेतावनी दी है। डॉक्टरों की टीम ने मामले की रिपोर्ट गांधीनगर थाने में दर्ज कराने के साथ ही इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री से भी की है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की किचन व्यवस्था पर कब्जा जमाने को लेकर काफी दिनों से विवाद चला आ रहा है। कुछ लोगों द्वारा अस्पताल की किचन व्यवस्था पूरी तरह से अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने के बाद भी आज तक किचन के लिए निविदा नहीं हुई और नियमों को ताक पर रख किचन की व्यवस्था स्टीवर्ड व उसके साथियों द्वारा ही देखी जा रही है।
अस्पताल प्रबंधन द्वारा जब भी व्यवस्था बदलने का प्रयास किया गया, कुछ लोगों द्वारा गुंडागर्दी शुरू कर दी जाती है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रवि दास ने किचन की व्यवस्था देखने के लिए मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. अलख वर्मा को लगाया था।
शुक्रवार की सुबह जब डॉ. वर्मा मेडिकल कॉलेज में परीक्षा की ड्यूटी में जा रहे थे। इसी दौरान दर्रीपारा निवासी पंकज चौधरी ने मोबाइल पर कॉल कर भुगतान रोके जाने को लेकर विवाद शुरू कर दिया और परीक्षा ड्यूटी पर मेडिकल कॉलेज जाने के दौरान रास्ते से जबरदस्ती बाइक में बैठाकर अस्पताल ले गया।
यहां उसने डॉ. अलख वर्मा के साथ गाली-गलौज करते हुए पिटाई की। दोपहर को पीडि़त डॉ. अलख वर्मा, अस्पताल अधीक्षक डॉ. रवि दास सहित अन्य चिकित्सक गांधीनगर थाने में पहुंच पंकज चौधरी सहित चार अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 294, 323, 186, 353, 365 व 34 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है।
जबरदस्ती बाइक पर बैठाकर ले आए अस्पताल
डॉ अलख वर्मा ने गांधीनगर थाने मे जुर्म दर्ज कराते हुए बताया कि वह फिजियोलॉजी विभाग में शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था भी देखता हूं। इसके साथ ही बालक छात्रावास के वार्डन के पद पर होने की वजह से छात्रावास में निवास करते हैं।
डॉ अलख वर्मा ने गांधीनगर थाने मे जुर्म दर्ज कराते हुए बताया कि वह फिजियोलॉजी विभाग में शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था भी देखता हूं। इसके साथ ही बालक छात्रावास के वार्डन के पद पर होने की वजह से छात्रावास में निवास करते हैं।
शुक्रवार की सुबह 9 बजे जब वे अपनी ड्यूूूूूटी के दौरान हास्टल से मेडिकल कॉलेज में परीक्षा कार्य हेतु जा रहे थे, इसी समय मोबाइल नम्बर 9826171751 से पंकज चौधरी ने कॉल कर मुझसे पूछा कि अस्पताल कितने बजे पहुंचेगे। उसने मिलने की इच्छा जताई।
मंैने पंकज चौधरी को जवाब दिया कि कॉलेज में परीक्षा सुबह 10 से 1 बजे तक चलेगी व परीक्षा खत्म होने के बाद ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाऊंगा। जब वे परीक्षा शुरू कराने जा रहे थे। इसी दौरान दो बाइक में 4 लोग पहुंचे और परीक्षा भी शुरू कराने नहीं दिए। गंगापुर रेशम कार्यालय के समीप पहुंचकर जबरजस्ती बाइक में बैठा लिए और मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले आए।
अधीक्षक से मोबाइल पर मांगा त्याग-पत्र
बाइक पर डॉ अलख वर्मा को बैठाकर गाली-गलौज करने के साथ ही जमकर मारपीट की गई। इसके साथ ही उसे उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल किचन ले जाया गया। वहां पर स्टीवर्ड के सामने चिकित्सक के साथ मारपीट की गई। इसके बाद कहा गया कि अभय ट्रेडर्स का बिल रोकते हो।
इसपर डॉ. अलख वर्मा ने कहा कि उनके द्वारा बिल न तो रोका जाता है और न ही जारी किया जाता है। इसके बाद स्टीवर्ड के सामने ही अस्पताल अधीक्षक डॉ. रवि दास को मोबाइल पर फोन लगाकर कहा कि तुम अभय ट्रेडर्स का बिल रोकते हो। इतना कहते हुए उन्होंने डॉ. रवि दास को पद से तुरंत त्याग-पत्र देने को कहा। त्याग-पत्र नहीं देने पर जान से मारकर जमीन में गाड़ देने की भी धमकी दी।
मिली है शिकायत, व्यवस्था सुधारना जरूरी
डॉक्टर से मारपीट की शिकायत मिली है। यह ठीक नहीं है। एक तो इन सब वजह से कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक अंबिकापुर आना नहीं चाहता है। इन सारी व्यवस्था को सुधारना जरूरी है।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री