महिला डॉक्टर ने पंखे से फांसी लगा ली थी। इसके बाद उसे उतारकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, यहां जांच पश्चात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने किस कारण से आत्महत्या (Doctor’s commits suicide) की है, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
अंबिकापुर के नमनाकला निवासी डॉ. खुशबू सिंह 38 वर्ष की शादी वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश निवासी इंजीनियर पुनीत सिंह से हुई थी। पति दिल्ली में नौकरी करता है जबकि डॉ. खुशबू अपने मायके अंबिकापुर में 5 वर्षीय बेटे रुद्राक्ष व परिजनों के साथ रहती थी। वह बलरामपुर जिले के बरियों अस्पताल में पदस्थ थीं।
8 अगस्त शनिवार को वह ड्यूटी पर नहीं गई थीं। रात में खाना खाने के बाद वह अपने बेटे के साथ कमरे में सोने चली गई। जबकि अन्य परिजन दूसरे कमरे में सो रहे थे।
इसी बीच उसने दुपट्टे से पंखे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या (Doctor’s commits suicide) कर ली। रात करीब 2 बजे बेटे की नींद खुली तो वह दौड़ता हुआ नानी के कमरे में पहुंचा। नानी को उठाकर उसने कहा कि मम्मी को कुछ हो गया है। इसके बाद जब सभी कमरे में पहुंचे तो डॉ. खुशबू का फांसी पर लटका देखा।
फांसी से उतारकर ले गए अस्पताल
फांसी पर डॉक्टर बेटी को लटकता देख परिजन के होश उड़ गए। आनन-फानन में फंदे से उतारकर वे उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां जांच पश्चात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टर ने आत्महत्या (Doctor’s commits suicide) क्यों की, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस को डॉक्टर के कमरे से सुसाइड नोट जैसा कुछ भी नहीं मिला है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
ससुराल में दी गई सूचना
इधर परिजनों द्वारा बेटी की मौत की सूचना उसके ससुराल में दी गई। यह खबर सुनकर वहां भी मातम पसर गया है। ससुराल वाले उत्तर प्रदेश से अंबिकापुर के लिए निकल गए हैं।