वहीं स्वास्थ्य विभाग मौत का कारण उल्टी दस्त नहीं बल्कि अन्य बीमारी बता रहा है। जबकि सूचना मिलने पर एसडीएम दीपिका नेताम ने पूरी टीम के साथ गांव में पहुंचकर हालात की जानकारी ली। रास्ता नहीं होने के कारण एसडीएम को 2 किमी पैदल चलना पड़ा।
मैनपाट के ग्राम सुपलगा निवासी टोर्री मझवार उम्र 45 वर्ष की तबियत कुछ दिनों से खराब थी। उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी कराने के बाद उसे घर ले जाया गया था। 17 सितंबर की देर रात उसे उल्टी-दस्त शुरू हो गया और देखते ही देखते उसकी मौत हो गई।
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मृतक टोर्री मझवार की पत्नी केंदी बाई भी उल्टी-दस्त से पीडि़त बताई जा रही है। उसे भी कमलेश्वरपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पहुंचविहीन है सुपलगा
सरगुजा जिले के मैनपाट के सुपलगा पहुंचविहीन है। बीच में मछली नदी होने के कारण बारिश के दिनों में आवागमन रुक जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार मृतका फुलासो की तबियत खराब होने पर उसे किसी तरह झेलगी में ढोकर नदी पार कराया गया था और इलाज के लिए कमलेश्वरपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, यहां उसकी मौत हो गई। फुलासो की मौत हो जाने से 6 माह का दुधमुंहा बेटा अनाथ हो गया।
पहुंचविहीन है सुपलगा
सरगुजा जिले के मैनपाट के सुपलगा पहुंचविहीन है। बीच में मछली नदी होने के कारण बारिश के दिनों में आवागमन रुक जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार मृतका फुलासो की तबियत खराब होने पर उसे किसी तरह झेलगी में ढोकर नदी पार कराया गया था और इलाज के लिए कमलेश्वरपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, यहां उसकी मौत हो गई। फुलासो की मौत हो जाने से 6 माह का दुधमुंहा बेटा अनाथ हो गया।
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गांव पहुंचा प्रशासन
उल्टी-दस्त से दो लोगों की मौत की खबर सुनते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। एसडीएम दीपिका नेताम को पूरी टीम के साथ 22 किलोमीटर घूम कर गांव जाना पड़ा। सुपलगा पहुंचविहीन होने के कारण अधिकारियों को लगभग डेढ़ से 2 किलोमीटर पैदल चलकर गांव जाना पड़ा।
सीएमएचओ बोले-उल्टी दस्त से मौत नहीं
सरगुजा जिले के सीएमएचओ पीएस सिसोदिया ने कहा कि उल्टी-दस्त से कोई मौत नहीं हुई है, वहां एक आदमी था, उसको अचानक कार्डियक अरेस्ट आ गया था, इसकी वजह से मौत हुई है। वहीं उसकी बेटी को पेट में दर्द होने के कारण कमलेश्वरपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, यहां उसकी मौत हो गई।