अंबिकापुर

भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले- पुलिस ने की युवक की हत्या, उठाए ये 6 सवाल, नेता प्रतिपक्ष ने बनाई जांच समिति

Custodial death case: पुलिस कस्टडी से भागकर आत्महत्या किए जाने का मामला, पूर्व केंद्रीय मंत्री (Union minister) ने पत्रकारों से की चर्चा, आईजी से की मुलाकात

अंबिकापुरJul 24, 2019 / 02:05 pm

rampravesh vishwakarma

Custodial death case

अंबिकापुर. पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस कस्टडी से फरार मृतक पंकज बेक (Pankaj Bek) द्वारा आत्महत्या (Suicide) किए जाने के मामले में पुलिस पर कई गम्भीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 6 माह के दौरान पुलिस तंत्र पूरी तरह से फेल है। प्रदेश की भूपेश बघेल की सरकार का नियंत्रण पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।
अब तक चार मामले प्रदेश में हो चुके हैं जिसमें आरोपियों की पुलिस हिरासत में मौत हो चुकी है। उन्होंने पंकज बेक के मामले में कहा कि यह आत्महत्या (Suicide) नहीं है, बल्कि पुलिस द्वारा उसकी हत्या की गई है। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत जुर्म दर्ज किया जाना चाहिए।
 

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रेस्ट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विष्णु देव साय व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र सिंह सवन्नी ने कहा कि पंकज द्वारा आत्महत्या नहीं की गई है, बल्कि फोटोग्राफ्स देखने के बाद लग रहा है कि उसकी पुलिस द्वारा हत्या (Murder) की गई है। उसे उचित मुआवजा मिले और दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ धारा 302 के तहत जुर्म दर्ज किया जाना चाहिए।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश सोनी, अनिल सिंह मेजर, भारत सिंह सिसोदिया, अंबिकेश केशरी, निश्चल सिंह सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। गौरतलब हैं कि चोरी के अभियुक्त पंकज बेक रविवार की रात साइबर सेल से भाग निकला था। 2 घंटे बाद उसकी लाश फांसी पर लटकी मिली थी।
 

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विधानसभा नेता प्रतिपक्ष ने कमेटी का किया गठन
विष्णुदेव साय ने बताया कि भाजपा (BJP) द्वारा इस मामले को सोमवार को विधानसभा में भी उठाया गया था। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो मौके पर जाकर तथ्यों को एकत्रित करेगी और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौपेंगी। इस कमेटी में पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, पूर्व सांसद कमलभान सिंह व अनिल सिंह मेजर को शामिल किया गया है।
 

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आईजी से की बंगले में मुलाकात
मृतक के घर जाने से पहले आईजी केसी अग्रवाल (IG) से विष्णुदेव साय, भूपेन्द्र सवन्नी सहित भाजपा पदाधिकारियों ने बंगले में मुलाकात की। इस दौरान विष्णुदेव साय ने न्यायिक जांच व पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का जुर्म दर्ज किए जाने की मांग की।
आईजी ने कहा कि इस संबंध में दिल्ली से मानवाधिकार आयोग का फोन आया था। इसकी न्यायिक जांच करने के साथ ही अगर मामले में किसी पुलिस कर्मी के शामिल होने के साक्ष्य मिलते हैं तो उनके खिलाफ हत्या का भी जुर्म दर्ज किया जाएगा।
 

भाजपा ने खड़े किए ये 6 सवाल
1. मृतक ने अगर आरोप कबूल कर लिया था तो उसका कबूलनामा कहां है?
2. मृतक पंकज को साइबर सेल में किसके आदेश पर रखा गया था?
3. चोरी के संदेही को थाने में रखने की बजाय साइबर सेल में रखना संदेह का कारण है?

4. पैरों व पीठ में इतने गम्भीर चोट लगे हैं, इसके बावजूद वह भागकर कैसे आत्महत्या कर सकता है?
5. जब साइबर सेल में तीन शौचालय हैं तो संदेही पंकज को बाहर क्यों ले जाया गया और ले भी गए तो उसके साथ कौन-कौन पुलिस कर्मचारी थे?
6. जानकारी मिली है कि सीसीटीवी चालू था लेकिन घटना के समय साइबर सेल के सीसीटीवी का सेविंग मोड कैसे खराब हो सकता है?
 

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