जबकि कोरोना लैब व कोविड सेंटर के मेडिकल वेस्ट को प्रोटोकॉल के तहत निस्तारण करना है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सफाई कर्मी कचरा इक_ा करने के बाद अस्पताल परिसर में ही आग लगा देते हैं।
ऐसा नहीं है कि अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन बस जानते हुए इसे नजर अंदाज कर रहे हैं। यह लापरवाही लोगों के लिए भारी पड़ रही है।
रविवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित वायरोलॉजी लैब में कोरोना जांच के दौरान मेडिकल वेस्ट को खुले में जलाया जा रहा था, वह भी वायरोलॉजी लैब परिसर में ही। चिकित्सकों द्वारा इस्तेमाल किया गया ग्लब्स, मास्क, व अन्य सामान को जलाया जा रहा था।
रविवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थित वायरोलॉजी लैब में कोरोना जांच के दौरान मेडिकल वेस्ट को खुले में जलाया जा रहा था, वह भी वायरोलॉजी लैब परिसर में ही। चिकित्सकों द्वारा इस्तेमाल किया गया ग्लब्स, मास्क, व अन्य सामान को जलाया जा रहा था।
इससे निकलने वाले धुआं आस-पास के वातावरण को प्रदूषित कर रहा था। जबकि कोरोना संक्रमण (Corona) को देखते हुए आईसीएमआर (ICMR) की गाइडलाइन के अनुसार कोविड सेंटर के मेडिकल वेस्ट को पूरी सुरक्षा के तहत निस्तारण करना है।
डीन को जानकारी होने पर तत्काल रोका
वायरोलॉजी लैब परिसर में कर्मचारियों द्वारा मेडिकल वेस्ट को खुले में जलाया जा रहा था। इसकी जानकारी होने पर मेडिकल कॉलेज के डीन व वायरोलॉजी (Virology) एचओडी रमणेश मूर्ति को इसकी जानकारी होने पर उन्होंने तत्काल मेडिकल वेस्टेल को जलाने का काम बंद कराया और कर्मचारियों को भी फटकार लगाई।
स्वास्थ्य के लिए घातक है बिखरा मेडिकल कचरा
अस्पतालों से कचरे के रूप में निकलने वाली पट्टियां, खराब खून, सीरिंज, इंजेक्शन सहित अन्य सामग्री लोगों के लिए हानिकारक होती है। बायोवेस्ट (Bio waste) का समय पर निस्तारण नहीं किए जाने पर इसमें से अजीब सी दुर्गंध आने लगती है। इसके संक्रमण से बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में इस बायोवेस्ट का तुरंत निस्तारण करना चाहिए।