दीक्षांत समारोह (Convocation canceled) रद्द होने के साथ ही आयोजन स्थल भकुरा और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। विश्वविद्यालय प्रशासन दीक्षांत समारोह रद्द होने का स्पष्ट और संतुष्ट कारण बताने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में आयोजन स्थल पर पहुंचे अतिथियों, मेधावियों के लिए किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति हो गई।
दूर से आए सैकड़ों मेधावी छात्र-छात्राओं को मायूस होकर लौटना पड़ा। वहीं यह बात भी निकलकर सामने आ रही है कि कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल को विशिष्ट अतिथि बनाया गया था। विवि प्रबंधन द्वारा उन्हें मुख्य अतिथि नहीं बनाए जाने के कारण सुबे के मंत्रियों में नाराजगी थी।
इस कारण कोई भी मंत्री यहां नहीं पहुंचे। कार्यक्रम राज्यपाल, कुलाधिपति अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में संपन्न होना था, जबकि बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन धीरेन्द्र पाल सिंह थे। मायूस लौटे मेधावी छात्र-छात्राएं
दीक्षांत समारोह में शामिल होने विश्वविद्यालय से संबद्ध सरगुजा संभाग के 52 कॉलेज के मेधावी छात्र-छात्राएं यहां पहुंचे थे। इनमें से 271 को गोल्ड मेडल व 72 पीएचडी उपाधि धारकों को मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कृत किया जाना था। कार्यक्रम रद्द होने से छात्र-छात्राओं के चेहरे पर मायूसी देखने को मिली। वे मायूस चेहरा लिए विवि प्रबंधन को कोसते हुए वहां से घर को रवाना हुए।
दीक्षांत समारोह में शामिल होने विश्वविद्यालय से संबद्ध सरगुजा संभाग के 52 कॉलेज के मेधावी छात्र-छात्राएं यहां पहुंचे थे। इनमें से 271 को गोल्ड मेडल व 72 पीएचडी उपाधि धारकों को मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कृत किया जाना था। कार्यक्रम रद्द होने से छात्र-छात्राओं के चेहरे पर मायूसी देखने को मिली। वे मायूस चेहरा लिए विवि प्रबंधन को कोसते हुए वहां से घर को रवाना हुए।
लाखों रुपए का हुआ नुकसान
विश्वविद्यालय प्रशासन ने 14 नवम्बर की कार्य परिषद में 70 लाख 50 हजार की प्रस्तावित राशि का अनुमोदन किया था। टेंट पर 40 लाख, परिधान 4 लाख, लंच 5 लाख, अल्पाहार 2 लाख, मोमेंटो 1.50 लाख, वाहन व्यवस्था २ लाख, फोटोग्राफी 1 लाख, स्टेशनरी 10 लाख तथा अन्य आकस्मिक व्यय 5 लाख निर्धारित था। तैयारियां पूरी हो जाने से विश्वविद्यालय सभी मदों को भुगतान कर चुका होगा या करेगा। कार्यक्रम रद्द होने के कारण सीधा-सीधा 70 लाख रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।
तैयार भोजन भी हो गया बेकार
कार्यक्रम में 1200 लोगों के भोजन की व्यवस्था थी। दीक्षांत समारोह रद्द होने के साथ तैयार भोजन भी बेकार हो गया। आनन-फानन में कुछ लोगों ने खाना खाया लेकिन अधिकांश खाना बर्बाद हो गया।
कार्यक्रम में 1200 लोगों के भोजन की व्यवस्था थी। दीक्षांत समारोह रद्द होने के साथ तैयार भोजन भी बेकार हो गया। आनन-फानन में कुछ लोगों ने खाना खाया लेकिन अधिकांश खाना बर्बाद हो गया।
निमंत्रण पत्र का प्रोटोकॉल बना बाधक
ज्ञात हो संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का निमंत्रण पत्र कई कहानियों का वाहक बन चुका है। निमंत्रण पत्र मेें राज्यपाल, कुलाधिपति अनुुसुईया उइके कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन धीरेन्द्र पाल सिंह मुख्य अतिथि थे।
निमंत्रण पत्र पर प्रदेश के मुखिया भूपेश बधेल को तीसरे पायदान पर रखा गया था। निमंत्रण पत्र में तीसरे पायदान पर केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत व सरगुजा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खेल साय सिंह का नाम था।
ये बात निकलकर सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री को मुख्य अतिथि नहीं बनाए जाने से सुबे के अन्य मंत्रियों में नाराजगी थी। वहीं खराब मौसम के कारण कार्यक्रम रद्द करने की बात भी सामने आ रही है।
्स्थगित किया गया है दीक्षांत समारोह
दीक्षांत समारोह रद्द नहीं किया गया है, इसे स्थगित किया गया है। रविवार रात को राजभवन से राज्यपाल, कुलाधिपति के नहीं आने की सूचना पर यह निर्णय लिया गया है।
प्रो. रोहिणी प्रसाद, कुलपति, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय