एसपी ने लाइन अटैच हुए चारों पुलिसकर्मियों को भी कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है। यदि उनके द्वारा उचित जवाब नहीं दिया जाता या फिर विभागीय जांच में वे भी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है।
सरगुजा आईजी (Surguja IG0 रतनलाल डांगी के निर्देश पर नशे के कारोबारियों के खिलाफ सरगुजा संभाग की पुलिस द्वारा इन दिनों अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। आईजी को एक्शन में देख अब हर थाने व चौकियों की पुलिस द्वारा आरोपियों को पकडक़र जेल में डाला जा रहा है। इस अभियान के तहत कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई।
इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने गांधीनगर थाने में पदस्थ आरक्षक उपेंद्र सिंह व 3 अन्य आरक्षक और एक प्रधान आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया था।
विभागीय जांच के दौरान आरक्षक उपेंद्र सिंह का कॉल डिटेल निकाला गया तो पता चला कि आरक्षक ने फोन के माध्यम से नशे का कारोबार करने वाली एक महिला से करीब 40 बार संपर्क किया था।
इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने आरक्षक को शो-कॉज नोटिस भेजा। आरक्षक उपेंद्र सिंह द्वारा उचित जवाब नहीं मिलने पर एसपी ने उसे बर्खास्त (Constable dismissed) कर दिया।
कार्रवाई से पुलिस महकमे मेें हडक़ंप, 4 से मांगा जवाब
एसपी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हडक़ंप मचा हुआ है। वहीं अटैच किए गए 3 अन्य आरक्षक व एक हवलदार को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इनके द्वारा भी यदि उचित जवाब नहीं दिया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
आईजी ने 2 एसआई को किया था सस्पेंड
नशे के कारोबारियों पर अपने बीट में अंकुश लगा पाने में कामयाब नहीं होने पर 10 दिन पूर्व सरगुजा आईजी रतनलाल डांगी ने 2 टीआई को जहां लाइन अटैच कर दिया था, वहीं 2 एएसआई को सस्पेंड किया था। इसके बाद से पुलिस विभाग के छोटे कर्मचारियों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा था।