90 प्रतिशत जल चुके आरक्षक को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान देर रात उसने दम तोड़ दिया।
बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थानांतर्गत ग्राम शंकरपुर निवासी मोहरलाल 40 वर्ष वाड्रफनगर चौकी में आरक्षक था। उसकी दो पत्नियां हैं। सोमवार की शाम करीब 4 बजे वह दूसरी पत्नी सरिता को लेकर वाड्रफनगर स्थित खुद के द्वारा बनाए गए मकान में पहुंचा था। इस दौरान उसकी पहली पत्नी देवकुमारी भी वहां मौजूद थी।
यह देखते ही दोनों पत्नियों के बीच विवाद होने लगा। इसी बीच आरक्षक ने खुद के ऊपर मिट्टीतेल छिडक़ कर आग लगा ली थी। पति को जलते देख दोनों पत्नियों ने शोर मचाया और लोगों की मदद से किसी तरह आग बुझाई।
सूचना मिलते ही वाड्रफनगर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल आरक्षक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। यहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
नौकरी से पहले नक्सली दस्ते में था शामिल
गौरतलब है कि आरक्षक पुलिस विभाग में नौकरी से पूर्व बलंगी क्षेत्र में पूर्व में सक्रिय नक्सली दस्ते में शामिल था। बलरामपुर पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण उसने सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उसे शासन की योजना के तहत पुलिस विभाग में नौकरी दी गई थी।
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